समीक्षा / Review

मोहब्बत की दुकान जीने का सामान।

यशवंत व्यास बहुत वरिष्ठ व्यंगकार हैं। बात कहने की उनकी अपनी शैली है और उस शैली में वह सबसे अलग दिखते हैं। उनकी पुस्तक मोहब्बत की दुकान मेरे पास आई है। कवर पर ही इन्होंने लिखा है, जुमलों के दौर की जानलेवा कहानियां। कवर बहुत आकर्षक है जिसमें एक गिरगिट गिटार बजा रहा है। पुस्तक की समर्पण की लाइन यह है कि, उन कंसल्टेंसी देने वाले महापुरुषों को जो रोज नए आइडिया लाते हैं और हर बार किसी नई पार्टी को बेचते नजर आते हैं। इससे ही पुस्तक का पैनापन सामने आ जाता है। लैला मजनू, हीर रांझा, मिर्जा साहिबा, सस्सी पुन्नू, शीर फरहाद, ढोला मारू,रोमियो जूलियट उनके इस कहन के पात्र बने हैं। कहानियों के शीर्षक बहुत आकर्षक हैं जैसे मजनू लाओ देश बचाओ, जूलियट ने बनाया आलू से सोना, रोमियो ने बनाया सोने से आलू, 56 इंच का पिज़्ज़ा, लैला सुनहरे कल की और बढ़ रही है, लैला की चाय पर चर्चा, मजनू की चारपाई पर चौपाल, ढोला है तो मुमकिन है, फरहाद की पहाड़ तोड़ो यात्रा, हीर का चाचा शेर है और भी ऐसे ही बहुत कुछ।
संवाद दिल को फाड़ कर बाहर निकले हैं और ठहाकों के साथ फट गए हैं।


कुछ पैनी बातें देखिए। सोहनी महिवाल ने लोधी गार्डन में जॉगिंग करते हुए प्लान बनाया कि वह अब कोई नया बिजनेस शुरू करेंगे। पुस्तक की हर लाइन में व्यंग भरा हुआ है जैसे हास्य की ढेर सारी गुमटियों ने अतिक्रमण कर रखा है। उन्होंने स्ट्रीट फूड ठेला लगाकर परस दिया है। जुमले के जमाने में जुमले की प्रतियोगिता करना एक नई बात है। उनकी रावण कथा का राम भी बदलता रहता है। वे पात्रों को कपड़े की तरह बदल देते हैं। जुमलो को होम्योपैथी की दवा कहना एक विचार करने का नया तरीका है और ऐसे ढेर सारे तरीके इस पुस्तक में शामिल हैं जो पाठक को पढ़ने में आनंद देते हैं और राजनीतिक लोगों को राजनीति सीखने का ज्ञान देते हैं। उन्होंने किसी को भी नहीं छोड़ा है। पहाड़ की यात्रा से 56 इंच के सीने की बात करना अपने आप में समूचे परिवेश को समेट लेना है। वही हैं जो कह सकते हैं मजनू लाओ देश बचाओ। एक और सुन लीजिए।जूलियट सोने के ढेर पर भूखी बैठी है । रोमियो अब सोने से आलू बनाने की मशीन खोजने गया है। रोमियो के ज्ञान के अभियान में बहुत सारे जुमले हैं जैसे लेकर रहेंगे आजादी। राजनीति के ढेर सारे गिरगिट इस पुस्तक में भरे पड़े हैं। वीभत्स चेहरों को अलग अंदाज में दिखाने का काम इस पुस्तक ने किया है। कहने का शिल्प एकदम अलग और अनूठा है। पुस्तक पाठक एक बार में पढ़ जाता है और फिर उसमें बज रही गिटार की धुन पर नाचने लगता है। अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर यह पुस्तक उपलब्ध है जो लोग व्यंग्य की इस धारा से जुड़ना चाहते हो वह वहां से इसे खरीद सकते हैं।

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