ईसप की कहानियाँ सैकड़ों सालों से पूरी दुनिया में पढ़ीं और सुनी जा रही हैं। जब ये नीतिपरक कहानियाँ कही गईं तब दास-प्रथा जैसी बुराई ग्रीस और दूसरे देशों में मौजूद थी। कहते हैं कि इन कहानियों को कहने वाला ईसप भी एक गुलाम था और उसने इन सुन्दर और शिक्षाप्रद कहानियों को सुना-सुनाकर अपने लिए आज़ादी हासिल की थी। इन कहानियों में नई-नई कहानियाँ जुड़ती गईं, इनमें बदलाव हुए’ लेकिन इन्हें आज भी जाना ईसप के नाम से ही जाता है ।
कामिनी गायकवाड़ एक प्रतिष्ठित लेखिका और संपादक हैं, जो विशेष रूप से बाल साहित्य में विशेषज्ञता रखती हैं। कहानी कहने के प्रति गहरी रुचि रखने वाली कामिनी पारंपरिक लोक साहित्य को आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती हैं, जिससे यह समकालीन पाठकों के लिए अधिक प्रासंगिक बन सके। उनके कार्यों में सांस्कृतिक विरासत की गहरी समझ झलकती है, साथ ही वे नवीन कहानी कहने की तकनीकों को भी अपनाती हैं।
बाल साहित्य को रोचक और अर्थपूर्ण बनाने के प्रति प्रतिबद्ध, कामिनी ने बच्चों की पुस्तकों, पत्रिकाओं और विभिन्न साहित्यिक परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एक संपादक के रूप में, वे हर रचना में गुणवत्ता और रचनात्मकता सुनिश्चित करती हैं।
वर्तमान में दिल्ली में रह रही कामिनी नए कहानी प्रारूपों की खोज जारी रखती हैं, जहाँ वे लोककथाओं और समकालीन विषयों को मिलाकर बच्चों के लिए साहित्य को और अधिक प्रासंगिक और प्रेरणादायक बनाने का प्रयास कर रही हैं।
Additional information
Weight
0.1 kg
Dimensions
18.7 × 12.2 × 0.5 cm
Author
Kamini Gayakwad
Imprint
The Kid Books
Publication date
13 December 2024
Pages
72
Reading age
8 – 16 years
ISBN-13
978-9348497789
Binding
Paperback
Language
Hindi
Brand
The kid Books
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