भारतीय भूतों की अजीब दास्ताँ भारत में हर समुदाय, जनजाति और उप-समुदाय के अपने भूत-प्रेत हैं। सदियों से भूत-प्रेतों की दुनिया भारतीयों को आकर्षित करती रही है। माना जाता है कि कुछ भूत जलाशयों के पास पाए जाते हैं और वे गुपचुप आते-जाते राहगीरों पर नज़र बनाए रखते हैं, तो कुछ गर्मियों के दोपहर में खेतों में भटकते रहते हैं और रास्ता खोए हुए पुरुषों को बहकाते हैं, तो कुछ ऐसे भी हैं जो अन्य बुराइयों से हमारी रक्षा करते हैं। शिकार की तलाश में पास-पड़ोस में भटकती उत्तर भारत की चुड़ैलों से लेकर मछली पसंद करने वाले पश्चिम बंगाल के मेछो भूत और तमिलनाडु के भयानक मुनि पेई भूतों तक—भारतीय भूतों की श्रेणियाँ अत्यंत विशाल है, जिनकी संख्या का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। कौन हैं ये घने जंगलों में विचरने वाले रहस्मयी जीव? गहरे, शांत जल की सतह के नीचे कौन से रहस्य छिपे हैं? हम इन अतृप्त आत्माओं को कैसे समझें, जिन्होंने हमारी स्मृतियों, हमारे मानस, कल्पनाओं और साहित्य में व्यापक स्थान बना रखा है? रिकसुंदर बनर्जी भारतीय भूतों के अध्येता एवं विशेषज्ञ हैं, जो लोकप्रिय और प्रचलित किंवदंतियों, आस्थाओं, अंधविश्वासों और अनुभवों के पीछे की सच्चाई को जानने के प्रयास में भारतभर में भूत-प्रेतों की दुनिया की पड़ताल करते हैं। उनके अध्ययन और शोध का परिणाम है यह पुस्तक—जो भारत और भारतीयों को आतंकित करते भूत-प्रेतों के बारे में एक प्रामाणिक, गहन शोध-पूर्ण और रोमांचक विवरण देता है।
ऋक्सुंदर बनर्जी एक भारतीय लेखक हैं, जिनका जन्म 9 अगस्त 1987 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था। उन्होंने जादवपुर विश्वविद्यालय से बंगाली साहित्य में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। 2018 में, उन्होंने बर्दवान विश्वविद्यालय से “बांग्ला कहानी साहित्य में भूत: परंपरा और परिवर्तनशीलता” विषय पर पीएच.डी. की उपाधि अर्जित की।
ऋक्सुंदर ने कई बंगाली पुस्तकों का प्रकाशन किया है, जिनमें शामिल हैं:
“ट्रेनर अड्डा: बांगालीर भिन्न सांस्कृतिक परिसर” (2014)
“छाया शरीर: सेकाल एकालेर भूतों की कहानियाँ” (2016)
“प्रवासी दोइबेर बोशे” (2017)
“चलार पथेर खोरकुटो” (2019)
उन्होंने अंग्रेजी में भी कार्य किया है, जैसे कि “द बुक ऑफ इंडियन घोस्ट्स” (2021) और “हॉन्टेड प्लेसेस ऑफ इंडिया” (2023), जो एलेफ बुक कंपनी द्वारा प्रकाशित की गई हैं।
ऋक्सुंदर के लेख विभिन्न पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं, जैसे कि आनंदबाजार पत्रिका और एई समय। उन्होंने फिल्म “भोटभोटी” के पटकथा और संवाद लेखन में भी योगदान दिया है।
उनकी पुस्तक “द बुक ऑफ इंडियन घोस्ट्स” को ‘द हिंदू’ समाचार पत्र में सराहना मिली है।
ऋक्सुंदर बनर्जी का कार्य भारतीय भूत-प्रेत कथाओं और लोककथाओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जो पाठकों को भारतीय संस्कृति में गहराई से जुड़े इन रहस्यमय पहलुओं को समझने में मदद करता है।
Additional information
Weight
0.1 kg
Dimensions
19.5 × 12.7 × 1 cm
Author
Riksunder Banerjee
Imprint
Unbound Script
Publication date
1 January 2023
Pages
174
Reading age
12 years and up
ISBN-13
978-9392088148
Binding
Paperback
Language
Hindi
Brand
Unbound Script
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