जोस्तीन गार्डर एक नॉर्वेजियन लेखक हैं, जो अपनी दार्शनिक उपन्यासों के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 8 अगस्त 1952 को ऑस्लो, नॉर्वे में हुआ था।
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“सोफी की दुनिया” (Sofies Verden) (1991) उनका सबसे प्रसिद्ध काम है। यह एक उपन्यास है जो एक लड़की सोफी अमुंडसेन की कहानी के माध्यम से पश्चिमी दर्शनशास्त्र का परिचय देता है। इसमें एक रहस्यमय दार्शनिक द्वारा भेजे गए पत्रों के माध्यम से दर्शनशास्त्र के विचारों को आसान और दिलचस्प तरीके से पेश किया गया है। यह किताब दुनिया भर में 50 से अधिक भाषाओं में अनुवादित हो चुकी है।
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गार्डर के लेखन में अक्सर गहरे दार्शनिक और अस्तित्ववादी मुद्दों की चर्चा होती है, जैसे जीवन का अर्थ, पहचान, और वास्तविकता। उनका उद्देश्य जटिल दार्शनिक विचारों को पाठकों के लिए समझने योग्य बनाना है, खासकर युवा पाठकों के लिए।
गार्डर के अन्य प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
- “द सोलिटेयर मिस्ट्री” (1990): यह उपन्यास फंतासी और वास्तविकता के तत्वों को जोड़ते हुए भाग्य और स्वतंत्र इच्छा जैसे विषयों पर चर्चा करता है।
- “द ऑरेंज गर्ल” (2003): यह एक पिता द्वारा अपने बेटे को लिखे गए पत्रों के माध्यम से प्रेम और परिवार की कहानी है।
- “थ्रू अ ग्लास, डार्कली” (1996): यह उपन्यास गहरे दार्शनिक सवालों को एक रहस्यमय और अजीब कहानी के माध्यम से प्रस्तुत करता है।
गार्डर के उपन्यासों में दार्शनिक विचारों को आकर्षक कथाओं के साथ जोड़ने की अद्भुत क्षमता है, जो उन्हें साहित्य और दर्शन दोनों में रुचि रखने वाले पाठकों के बीच एक प्रिय लेखक बनाती है।
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