अष्टभुजा शुक्ल हिंदी साहित्य के एक प्रमुख कवि हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के दीक्षापार गाँव में हुआ था। उनकी प्रमुख काव्य संग्रहों में “पद-कुपद”, “चैत के बादल”, “दुःस्वप्न भी आते हैं”, “इस हवा में दो-चार साँसें” और “रस की लकड़ी” शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उनका एक निबंध संग्रह “मिठुवा” भी प्रकाशित हुआ है। अपने साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें “परिवेश सम्मान”, “केदार सम्मान” और “श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान” जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
अधिक जानकारी और उनकी रचनाएँ पढ़ने के लिए, आप हिंदवी वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।
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