Neend Ka Baksa – Hindi By Manoj Kumar Jha

Author / Manoj Kumar Jha

आकाश में तारे टिमटिमा रहे हैं तो नीचे घास पर जुगनू । अक्षर किताबों से निकल भागे, नदी पार की लेकिन पहुँचे भी तो कहाँ – काँटों के गाँव । समंदर, नदी, नहर और बाल्टी सबमें पानी है। अपनी अपनी जगहों से पानी और पानी की बातें हो रही हैं। उधर फूलों के रंग तुमसे कुछ कहने को हैं । सपने में लाहौर जाकर कुल्फी खा लो और सपने में ही घर लौट आओ। ऐसी प्यारी और जादूभरी कविताएँ पढ़नी हैं ? ‘नींद का बक्सा’ घर ले जाओ और चुपके से खोलकर देखो। इसमें जितनी सुन्दर कविताएँ हैं उतने ही सुन्दर चित्र। गौर से देखो तो इस बक्से के चित्र और कविताएँ बातें करती दिखेंगी।

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About the Author

मनोज कुमार झा
मनोज कुमार झा हिन्दी के प्रतिष्ठित कवि हैं। अबतक उनके तीन संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं- तथापि जीवन, कदाचित अपूर्ण, किस्सागो रो रहा है। उन्होंने विश्वप्रसिद्ध चिंतक एजाज़ अहमद की पुस्तक का हिन्दी में अनुवाद और ‘पागलों की दिखन’ पर शोधकार्य किया है।
उनकी बाल कविताएँ हिन्दी की पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रहती हैं। यह उनका दूसरा बाल कविता संग्रह है।
संप्रति दरभंगा में निवास और स्वतंत्र लेखन ।

Additional information

Weight 0.100 kg
Dimensions 22.8 × 14.7 × 1 cm
Brand

Unbound Script

Author

Manoj Kumar Jha

Imprint

Unbound Script

Publication date

7 November 2024

Pages

64

Reading age

10 years and up

ISBN-13

9789348497208

Binding

Paperback

Language

Hindi

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