उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक फैले इन समुदायों ने अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ सबसे शुरुआती और सबसे दीर्घकालिक विद्रोह किए, लेकिन मुख्यधारा के इतिहास में उन्हें वह स्थान नहीं मिला जिसके वे अधिकारी थे। ‘राष्ट्र-निर्माण में आदिवासी’ सिर्फ एक इतिहास पुस्तक नहीं, बल्कि एक वैचारिक यात्रा है जो हमें भारत के भूले-बिसरे जननायकों से मिलवाती है। यह किताब पूछती है- क्यों आदिवासी विद्रोह, बलिदान और संघर्ष हमारी ऐतिहासिक चेतना का हिस्सा नहीं बन सके? लेखक डॉ. जितेंद्र मीणा इतिहास के प्रोफ़ेसर और सामाजिक विमर्शकार हैं। उन्होंने प्रमाणों और वैकल्पिक इतिहास दृष्टि से भारत के हर हिस्से से आदिवासी संघर्ष की बहुरंगी छवियाँ प्रस्तुत की है। यह पुस्तक न केवल पाठकों को एक भुला दिए गए इतिहास से जोड़ती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आदिवासी भारत के राष्ट्र-निर्माण में कैसे केंद्रीय भूमिका निभाते रहे हैं।
* लेखक: डॉ. जितेंद्र मीणा यह पुस्तक उनके लिए है: जो इतिहास को सिर्फ विजेताओं की कथा नहीं मानते जो भारत की सामूहिक स्मृति में आदिवासियों की उपस्थिति दर्ज करना चाहते हैं जो वैकल्पिक और समावेशी विमर्श की तलाश में हैं
*”इतिहास में किसी को नज़रअंदाज़ करना, वर्तमान में उसकी हिस्सेदारी छीनने का सबसे महीन तरीका होता है।”
* यह पुस्तक उसी ऐतिहासिक अन्याय के विरुद्ध एक सशक्त हस्तक्षेप है- जो सदियों से भारत के आदिवासी समुदायों के साथ होता आया है।
Additional information
Weight
0.100 kg
Dimensions
7.7 × 5.1 × 1 cm
Brand
Yuvaan Books
Author
Dr. Jitendra Meena
Imprint
Yuvaan Books
Publication date
5 August 2025
Pages
185
Reading age
14 years and up
ISBN-13
9789348497109
Binding
Paperback
Language
Hindi
Customer Reviews
3 reviews for Rashtra Nirman Mein Adivasi By Dr. Jitendra Meena
Prem Shankar chardana –
Rated 5 out of 5
आदरणीय डॉ जितेंद्र मीणा जी द्वारा लिखी गई यह किताब, दस्तावेज है उन व्यक्तित्वों को जिनको असलियत में जाना ही नहीं गया।
बहुत शुक्रिया इस किताब को हमारे बीच लाने के लिए
यह किताब आदिवासी वर्ग में नई चेतना जागृत करेगी
P M Dange –
Rated 5 out of 5
It is a New Adivasi History Book . It must be Read By Everyone.
vicky Paikra –
Rated 5 out of 5
बहुत शुक्रिया सर इस किताब को हमारे बीच लाने के लिए
यह किताब आदिवासी वर्ग में नई चेतना जागृत करेगी आपको तहे दिल से धन्यवाद
Prem Shankar chardana –
आदरणीय डॉ जितेंद्र मीणा जी द्वारा लिखी गई यह किताब, दस्तावेज है उन व्यक्तित्वों को जिनको असलियत में जाना ही नहीं गया।
बहुत शुक्रिया इस किताब को हमारे बीच लाने के लिए
यह किताब आदिवासी वर्ग में नई चेतना जागृत करेगी
P M Dange –
It is a New Adivasi History Book . It must be Read By Everyone.
vicky Paikra –
बहुत शुक्रिया सर इस किताब को हमारे बीच लाने के लिए
यह किताब आदिवासी वर्ग में नई चेतना जागृत करेगी आपको तहे दिल से धन्यवाद