*राष्ट्र-निर्माण में आदिवासी
* लेखक: डॉ. जितेंद्र मीणा यह पुस्तक उनके लिए है: जो इतिहास को सिर्फ विजेताओं की कथा नहीं मानते जो भारत की सामूहिक स्मृति में आदिवासियों की उपस्थिति दर्ज करना चाहते हैं जो वैकल्पिक और समावेशी विमर्श की तलाश में हैं
*”इतिहास में किसी को नज़रअंदाज़ करना, वर्तमान में उसकी हिस्सेदारी छीनने का सबसे महीन तरीका होता है।”
* यह पुस्तक उसी ऐतिहासिक अन्याय के विरुद्ध एक सशक्त हस्तक्षेप है- जो सदियों से भारत के आदिवासी समुदायों के साथ होता आया है।
Prem Shankar chardana –
आदरणीय डॉ जितेंद्र मीणा जी द्वारा लिखी गई यह किताब, दस्तावेज है उन व्यक्तित्वों को जिनको असलियत में जाना ही नहीं गया।
बहुत शुक्रिया इस किताब को हमारे बीच लाने के लिए
यह किताब आदिवासी वर्ग में नई चेतना जागृत करेगी
P M Dange –
It is a New Adivasi History Book . It must be Read By Everyone.
vicky Paikra –
बहुत शुक्रिया सर इस किताब को हमारे बीच लाने के लिए
यह किताब आदिवासी वर्ग में नई चेतना जागृत करेगी आपको तहे दिल से धन्यवाद