सर आर्थर कॉनन डॉयल (22 मई 1859 – 7 जुलाई 1930) एक प्रसिद्ध ब्रिटिश लेखक और चिकित्सक थे, जिन्हें महान जासूस शर्लक होम्स के रचयिता के रूप में जाना जाता है। उनकी रचनाओं ने आधुनिक जासूसी कहानियों और अपराध कथा साहित्य की नींव रखी, जो आज भी साहित्य, फिल्म और टेलीविजन में अनगिनत रूपांतरों और लेखकों को प्रेरित करती हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
आर्थर कॉनन डॉयल का जन्म एडिनबरा, स्कॉटलैंड में एक कलात्मक परिवार में हुआ था। उन्होंने एडिनबरा विश्वविद्यालय से चिकित्सा की पढ़ाई की, जहाँ उनकी मुलाकात डॉ. जोसेफ बेल से हुई, जिनकी गहरी निरीक्षण क्षमता ने शर्लक होम्स के चरित्र को गढ़ने में डॉयल को प्रेरित किया।
साहित्यिक योगदान:
डॉयल ने जासूसी, विज्ञान-कथा, ऐतिहासिक उपन्यास और रोमांचक कहानियों की एक लंबी श्रृंखला लिखी। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं:
- शर्लक होम्स सीरीज – शर्लक होम्स और उनके मित्र डॉ. वॉटसन की जोड़ी को लेकर उन्होंने चार उपन्यास और 56 लघु कहानियाँ लिखीं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध उपन्यास हैं:
- A Study in Scarlet (1887) – शर्लक होम्स की पहली उपस्थिति।
- The Hound of the Baskervilles (1902) – रहस्यमयी घटनाओं और भयावह कुत्ते की कहानी।
- The Sign of the Four (1890) – रोमांच और रहस्य से भरी एक और शानदार कहानी।
- The Lost World (1912) – यह एक विज्ञान-कथा उपन्यास है जिसमें डायनासोरों और प्राचीन जीवों की भूमि की खोज की गई है।
अन्य कार्य और रुचियाँ:
आर्थर कॉनन डॉयल ने केवल जासूसी कहानियाँ ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक उपन्यास, रोमांचक कहानियाँ, और आध्यात्मिकता पर भी लेखन किया। वे आत्माओं और रहस्यमय घटनाओं में विश्वास रखते थे और इस विषय पर कई लेख और पुस्तकें भी लिखीं।
व्यक्तिगत जीवन:
डॉयल एक चिकित्सक के रूप में भी कार्यरत थे, लेकिन लेखन में अधिक रुचि के कारण उन्होंने इस पेशे को छोड़ दिया। उनका विवाह लुईसा हॉकिन्स से हुआ था और उनके पांच बच्चे थे।
मृत्यु और विरासत:
7 जुलाई 1930 को आर्थर कॉनन डॉयल का निधन हो गया, लेकिन उनके द्वारा रचित शर्लक होम्स का चरित्र अमर हो गया। उनकी कहानियाँ आज भी पढ़ी जाती हैं और शर्लक होम्स की गिनती विश्व के सबसे लोकप्रिय काल्पनिक जासूसों में होती है।
आर्थर कॉनन डॉयल ने जासूसी साहित्य को नया आयाम दिया और शर्लक होम्स को एक ऐसे चरित्र के रूप में स्थापित किया, जो तर्क, बुद्धिमत्ता और अद्भुत निरीक्षण क्षमता का प्रतीक है। उनका साहित्यिक योगदान सदैव याद किया जाएगा।
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