Sadabahar Kahnaiya Subhadra Kumari Chauhan

Imprint / Yuvaan Books

Author / Subhadra Kumari Chauhan

सुभद्रा कुमारी चौहान के काव्य-प्रभाव का पता लगाने का कोई वस्तुनिष्ठ तरीका होता तो पता चलता कि उनकी कविताएँ पढ़कर कितने ही लोग हँसते-हँसते जेल चले गए। लेकिन उनकी कहानियाँ उपेक्षित रह गयीं। उनकी कहानियों में ज़रूरी सामाजिक मसलों को जिस तरह उठाया गया है उसे देखने पर उनका मुकम्मल व्यक्तित्व उभरता है। यहाँ उनकी कुछ बेहतरीन कहानियाँ संकलित हैं। आशा है आपको पसंद आएँगे।

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About the Author

सुभद्रा कुमारी चौहान (16 अगस्त 1904 – 15 फरवरी 1948) हिंदी की प्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं, जो अपनी देशभक्ति और प्रेरणादायक कविताओं के लिए जानी जाती हैं। उनकी रचनाओं में भावनाओं की सजीव अभिव्यक्ति, सरल भाषा और ओजस्वी शैली का अद्वितीय समन्वय मिलता है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) जिले के निहालपुर गाँव में हुआ था। उनका विवाह ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से हुआ और वे मध्य प्रदेश के जबलपुर में बस गईं।

स्वतंत्रता संग्राम और समाज सेवा:

सुभद्रा कुमारी चौहान केवल एक लेखिका ही नहीं, बल्कि एक स्वतंत्रता सेनानी भी थीं। उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन में भाग लिया और कई बार जेल भी गईं। वे महिलाओं की सामाजिक स्थिति सुधारने और उन्हें जागरूक बनाने के लिए भी सक्रिय रहीं।

साहित्यिक योगदान:

उनकी कविताओं और कहानियों में समाज की सच्चाई, देशभक्ति, और नारी शक्ति का चित्रण देखने को मिलता है। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं:

  1. झाँसी की रानी – यह उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता है, जिसमें रानी लक्ष्मीबाई के साहस और बलिदान को मार्मिक शब्दों में प्रस्तुत किया गया है:
    “सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
    बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी।”
  2. वीरों का कैसा हो वसंत – यह कविता युवाओं में देशभक्ति की भावना जागृत करती है।
  3. मेरा नया बचपन, उन्मादिनी, और मुकुल – उनके कहानी संग्रह हैं, जिनमें सामाजिक समस्याओं और मानवीय भावनाओं को सुंदरता से उकेरा गया है।

लेखन शैली और विशेषताएँ:

सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं में सरल भाषा, ओजस्वी भाव, और स्पष्ट विचार होते थे। उनकी रचनाओं में देशभक्ति, नारी सम्मान, और सामाजिक चेतना की झलक मिलती है। वे अपनी कविताओं में नारी की शक्ति और स्वतंत्रता संग्राम के वीरों का चित्रण बड़ी संवेदनशीलता और प्रभावशाली ढंग से करती थीं।

सम्मान और विरासत:

उनकी साहित्यिक सेवा को सम्मानित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक पुरस्कार “सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार” की स्थापना की है।

निधन और स्मृति:

15 फरवरी 1948 को एक कार दुर्घटना में उनका निधन हो गया। लेकिन उनकी कविताएँ और कहानियाँ आज भी पाठकों के दिलों में देशभक्ति और प्रेरणा का संचार करती हैं।

सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएँ हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साहित्यिक योद्धाओं में सदैव सम्मानपूर्वक स्मरणीय रहेंगी।

Additional information

Weight 0.05 kg
Dimensions 15.2 × 10.2 × 0.1 cm
Author

Subhadra Kumari Chauhan

Imprint

Yuvaan Books

Publication date

1 January 2023

Pages

112

Reading age

12 years and up

ISBN-13

978-9392088827

Binding

Paperback

Language

Hindi

Brand

Yuvaan Books

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