लियो टॉल्स्टॉय (9 सितंबर 1828 – 20 नवंबर 1910) रूसी साहित्य के महानतम लेखकों में से एक थे। उन्हें उपन्यास, लघु कहानियाँ और दार्शनिक लेखों के लिए विश्वव्यापी ख्याति मिली। उनकी रचनाएँ जीवन, प्रेम, युद्ध, और मानवता की गहराई को छूती हैं और आज भी पाठकों को प्रभावित करती हैं।
प्रारंभिक जीवन:
लियो टॉल्स्टॉय का जन्म रूस के एक संपन्न परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर प्राप्त की और बाद में कज़ान विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, लेकिन उन्हें औपचारिक शिक्षा में विशेष रुचि नहीं थी और वे बीच में ही पढ़ाई छोड़कर अपने पैतृक स्थान लौट आए।
साहित्यिक योगदान:
टॉल्स्टॉय ने जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाली अनेक अमर कृतियों की रचना की:
- War and Peace (युद्ध और शांति) – यह उपन्यास नेपोलियन युद्धों के दौरान रूस के समाज और लोगों के जीवन को गहराई से चित्रित करता है। यह विश्व साहित्य के सबसे महान उपन्यासों में से एक माना जाता है।
- Anna Karenina (अन्ना करेनिना) – यह उपन्यास प्रेम, विश्वासघात, और सामाजिक बंधनों की कहानी है, जिसमें मानव भावनाओं और समाज के यथार्थ को बड़ी खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है।
- The Death of Ivan Ilyich (इवान इलिच की मृत्यु) – यह लघु उपन्यास मृत्यु और जीवन के उद्देश्य पर गहन विचार प्रस्तुत करता है।
- Confession (स्वीकारोक्ति) – इसमें टॉल्स्टॉय के व्यक्तिगत आध्यात्मिक संघर्ष और ईश्वर की खोज का वर्णन है।
विचार और दर्शन:
टॉल्स्टॉय न केवल एक महान लेखक थे, बल्कि वे एक गहन विचारक और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अहिंसा, सादगी, और आत्म-शुद्धि के सिद्धांतों को अपनाया। उनका दर्शन महात्मा गांधी सहित कई नेताओं और विचारकों को प्रभावित करता है।
व्यक्तिगत जीवन:
टॉल्स्टॉय का विवाह सोफिया एंड्रीवना से हुआ था, जिनसे उनके 13 बच्चे हुए। यद्यपि उनके वैवाहिक जीवन में कई तनाव और विवाद भी थे, लेकिन सोफिया ने उनकी कई पुस्तकों को संपादित करने और प्रकाशित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मृत्यु और विरासत:
20 नवंबर 1910 को टॉल्स्टॉय का निधन हुआ, लेकिन उनकी रचनाएँ और विचार आज भी साहित्य प्रेमियों और दार्शनिकों को प्रेरित करते हैं। उनकी कृतियाँ अनेक भाषाओं में अनूदित हुई हैं और वे आज भी विश्व साहित्य के महानतम लेखकों में से एक माने जाते हैं।
लियो टॉल्स्टॉय की साहित्यिक और दार्शनिक धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
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