Sadabahar Kahaniyan : Sharatchandra

Imprint / Yuvaan Books

Author / Sharat Chandra

शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार एवं काहनीकार हैं। इसमें मनुष्य की भावनात्मक ऊष्मा, त्याग और आदर्श की जैसी उदात्त अभिव्यक्ति है, वह दुनिया के किसी और कथाकार में दुर्लभ है। श्रीकांत और देवदास जैसे उपन्यासों का अनुवाद दुनिया की तमाम भाषाओं में हो चुका है। उनकी कहानियों में सिर्फ़ भावुकता नहीं बंगाल के सामाजिक जीवन की झलक भी मिलती है। यों तो उनकी अधिसंख्य रचनाएँ स्त्री – जीवन की दारुण दशा का भावप्रवण अभिव्यक्ति हैं। लेकिन ‘अभागी का स्वर्ग’ जैसी कहानियाँ जाति-व्यवस्था और स्त्री-दमन के परिच्छेदी बिंदुओं की खोज करती हैं। इस संकलन में उनकी हर तरह की कहानियाँ मिलेंगी।

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About the Author

शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (15 सितंबर 1876 – 16 जनवरी 1938) बांग्ला साहित्य के महान लेखक और उपन्यासकार थे, जिन्हें भारतीय साहित्य के सबसे प्रमुख रचनाकारों में से एक माना जाता है। उनका जन्म बंगाल के मयस्माटी (अब पश्चिम बंगाल) गांव में हुआ था। शरतचंद्र की लेखनी का दायरा बहुत व्यापक था, जिसमें उन्होंने सामाजिक और मानसिक बुराइयों, प्रेम, संघर्ष, और मानव संवेदनाओं को गहरे तरीके से व्यक्त किया।

प्रमुख कृतियाँ:

  1. देवदास (1917) – यह उपन्यास भारतीय साहित्य का एक अमूल्य रत्न है, जिसमें प्रेम, त्याग, और आत्मसंघर्ष की कहानी को बहुत ही संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया गया है।
  2. शेष प्रश्न (1929) – यह उपन्यास समाज और व्यक्ति के जटिल संबंधों को उजागर करता है।
  3. रंगभूमि (1925) – इस उपन्यास में शरतचंद्र ने भारतीय समाज के संघर्षों और असमानताओं को चित्रित किया है।
  4. पारिजात (1936) – यह उपन्यास प्रेम और बलिदान की कहानी है, जो मानवता की आदर्शों को प्रस्तुत करता है।

लेखन शैली:

शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की लेखन शैली सरल, सहज और भावनाओं से ओतप्रोत थी। वे समाज की समस्याओं और जीवन के कठोर सच को बिना किसी हिचक के व्यक्त करते थे। उनकी कहानियों में पात्रों की मानसिक स्थितियों और उनके व्यक्तिगत संघर्षों का गहराई से विश्लेषण किया जाता है, जिससे पाठक उनके पात्रों से जुड़ाव महसूस करते हैं।

समाज सुधारक:

शरतचंद्र ने भारतीय समाज के असमानताओं, विशेष रूप से महिलाओं की स्थिति, पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने लेखों में महिलाओं की शिक्षा, स्वतंत्रता और उनके अधिकारों का समर्थन किया।

विरासत:

शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के साहित्यिक योगदान को भारतीय साहित्य में हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी रचनाएँ आज भी पाठकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ती हैं और उनका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों पर हमेशा बना रहेगा।

Additional information

Weight 0.05 kg
Dimensions 15.2 × 10.2 × 0.1 cm
Author

Sharat Chandra

Imprint

Yuvaan Books

Publication date

1 January 2023

Pages

128

Reading age

8 years and up

ISBN-13

978-9392088803

Binding

Paperback

Language

Hindi

Brand

Yuvaan Books

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