Vidrohi Hoga Humara Kavi By Santosh Arsh

Imprint / Yuvaan Books

• पहला खंड: विद्रोही की चुनी हुई श्रेष्ठ और चर्चित कविताओं का संकलन। यह खंड उनके काव्य-संसार की गहराई और जनचेतना को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है।

• दूसरा खंड: उनके जीवन-संघर्ष, स्वाभिमान, विचारधारात्मक प्रतिबद्धता और लोकप्रियता की गाथा को बयान करता है—जिससे उनके कवि व्यक्तितत्व का असाधारण रूप सामने आता है।

• तीसरा खंड: विद्रोही की कविता और चिंतन का गंभीर आलोचनात्मक विश्लेषण। इस खंड में चौथीराम यादव, प्रणय कृष्ण, आशुतोष कुमार, कमलेश वर्मा, विहाग वैभव और अभिषेक श्रीवास्तव जैसे प्रमुख लेखकों के आलोचनात्मक आलेख शामिल हैं।संपादक संतोष अर्श ने बहुत धैर्य और परिश्रम से इसे संभव किया है। यह किताब विद्रोही के कवि व्यक्तित्व को समझने में हैंडबुक का काम करेगी।

275.00 247.50

98 People watching this product now!

Guaranteed Safe Checkout

About the Author

विद्रोही होगा हमारा कवि– कविता, कवि की यादें और कविता पर बातें।
रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ समकालीन हिन्दी कविता की सबसे स्पष्ट, प्रतिबद्ध और जनपक्षधर आवाज़ हैं। यह पुस्तक उनके कवि-व्यक्तित्व, संघर्ष और विचारों को समझने का एक पठनीय दस्तावेज़ है।
पुस्तक के तीन खंड हैं:

Additional information

Dimensions 5.1 × 7.7 × 1 cm
Brand

Yuvaan Books

Author

Santosh Arsh

Imprint

Yuvaan Books

Publication date

02-06-2025

Pages

264

Reading age

Upto 16 Years

ISBN-13

9789348497291

Binding

Paperback

Language

Hindi

Customer Reviews

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Vidrohi Hoga Humara Kavi By Santosh Arsh”

Your email address will not be published. Required fields are marked *