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Brahmand Ki Sanrachna - Kaise aur Kin Cheezon Se Bana Brahmand
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Neend Ka Baksa – Hindi By Manoj Kumar Jha
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Chiya Ki Cycle – Hindi By Yash Malviya
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Little Buddha – Hardcover
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The Power Of Your Subconscious Mind By Joseph Murphy
Bharat Darshan By Nishant Jain – Hindi
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Gigi Zara – गीगी ज़ारा
Author / Pragya Mishra
ज़ारा नानी गीगी की दुलारी है।
वैसे तो ज़ारा सबकी दुलारी है- मम्मा की, पापा की सबकी। छुट्टियों में गीगी, जारा को वर्चुअल रियलिटी के ऐसे संसार में भेज देती हैं, जहाँ बादलों की सवारी है, प्यारे प्यारे यूनीकॉन येल और पिंकी हैं, गाईडिंग एंजेल्स हैं और चार दरवाज़े हैं, जिन्हें ज़ारा को अपनी सूझ-बूझ और हिम्मत से पार करना ही है। पार नहीं करेगी तो एक भरा पूरा जंगल उदास और अंधेरा रह जाएगा, प्यारा लुमिना अपनी मम्मा से मिल नहीं पाएगा। क्या ये हो पाया?
पढ़ो और इस रोमांचक सफ़र में साथ हो लो….
Jaddu Ki Ghadi – जादू की घड़ी
Author / Mamta Kalia
जादू की घड़ी में सात छोटी-छोटी कहानियाँ हैं। इन कहानियों में बच्चों का सरल संसार है।
इस संसार में मम्मी- पापा, दादा-दादी, स्कूल, जादूगर और एक खुराफ़ाती मामा है। यहाँ विश्व कथासंसार की झलक भी है और गूगल भी; जो सबकुछ जानता है लेकिन 13 के पहाड़े पर अटक सकता है।
Neelkanth – नीलकंठ – Hardcover
Author / Mahadevi Verma
नीलकंठ एक मोर की कहानी है।
महादेवी वर्मा ने इसे बड़े सरस और आत्मीय ढंग से लिखा है। इस सुंदर गद्य से गुज़रते हुए हम नीलकंठ के बचपन से लेकर उसके वयस्क मयूर बनने तक की यात्रा में साथ हो लेते हैं। हम उससे ऐसा जुड़ाव महसूस करने लगते हैं कि नीलकंठ का गुस्सा, उसकी उदासी और उसका प्यार हमें महसूस होने लगता है।
इस संस्मरण के परिदृश्य में लेखिका का पशु पक्षियों के प्रति अनुराग भी जैसे गूँजता रहता है। नीलकंठ की कथा पढ़ते हुए हम एक सुंदर और मार्मिक प्रेमकथा से भी रूबरू होते हैं।
Paavati Kaun Dega – पावती कौन देगा
Author / Priy
प्रिय का सधा हुआ चमकदार गद्य उनके व्यंग्य को वह ज़रूरी धार मुहैया कराता है जिसकी अनुपस्थिति में इस तरह के लेखन के सामने दोहराव का जोखिम बना रहता है। उनके लेखन में जीवन से सीधी मुठभेड़ करते आमजन के लिए स्पष्ट प्रतिबद्वता तो नज़र आती ही है, उनके अध्ययन के विस्तृत और दिलचस्प दायरे की झलक भी मिलती है। वे बड़ी आसानी से भाषा और शैलियों के अलग-अलग रास्तों में आवाजाही करना जानते हैं और उनकी चपल और संवेदनशील दृष्टि चीज़ों के आरपार देखने का हौसला रखती है। प्रिय का यह पहला संग्रह समकालीन साहित्य में उनकी मजबूत उपस्थिति को दर्ज करेगा।
प्रिय हिन्दी व्यंग्य की उम्मीद हैं। उनके लेखन में राजनीतिक जुमलों से भरमाने वाली अभिव्यक्ति नहीं बल्कि उससे आगे निकलता सहज परिहास है। बीते अनेक दशकों से व्यंग्य के नाम पर बौद्विक कुण्ठा परोसी जा रही थी। कभी-कभी कुण्ठा के ऐसे ही प्रस्तुतिकरण को राजनीतिक चेतना भी कह दिया जाता रहा है। प्रिय की लिखत में सिर्फ राजनीति नहीं, हमारे आसपास का आम परिवेश है। प्रिय, तुम ‘पारसाई’ से बचते हुए हमाम की हलचल बताते रहो।
Rail Locomotive Ka Bhoot – रेल लोकोमोटिव का भूत
Author / Sumit Sinha
रेल लोकोमोटिव का भूत क्या भूत होते हैं और अपना प्रतिशोध लेते हैं ?
क्या ऐसे भी भूत होते हैं जो सच्चाई और न्याय के लिए प्रतीक्षा करते हैं और तब मुक्त होते हैं ?
उस रेल लोकोमोटिव कारखाने के खंडहर में वाकई भूत प्रेत रहते थे या यह बातें किसी अपराधकथा पर डाला गया ऐसा परदा था जिसके पार जाने की किसी की हिम्मत न पड़े?
भूत, प्रेत, किसी अज्ञात शक्ति की छाया … ये ऐसी बातें हैं जिससे मनुष्य हमेशा रोमांचित, भयभीत और आकर्षित होते रहे है। विज्ञान इन बातों को नहीं मानता लेकिन जनमानस का एक बड़ा हिस्सा इन बातों पर विश्वास करता आया है। तर्क और आभास, विश्वास और अविश्वास के इसी कठिन संतुलन बिंदु की कथा है- रेल लोकोमोटिव का भूत ।
Udne Wala Phool – उड़ने वाला फूल
Author / Upasana
उपासना की यहाँ प्रस्तुत रचानाएँ विधाओं के बीच आवाजाही का सुन्दर उदाहरण हैं। ये फ़्लैश फिक्शन के नज़दीक नज़र आती हैं लेकिन इनमें कविता, संस्मरण और स्केच की छायाएँ भी आती जाती दिखती हैं। इनमें ऐसे क्षणों को कोमलता से दर्ज किया गया है जो अन्यथा देखने से छूट जाते हैं। अछूती बिम्बात्मकता के बावजूद ये सरल भी हैं, बहुलार्थक भी।
इनसे गुज़रकर पाठक के देखने और सोचने का तरीक़ा वह नहीं रह जाता, जो इससे पहले था। उसमें स्मृति के प्रति थोड़ी रागात्मकता बढ़ जाती है, दृष्टिकोण में कुछ अपरिचित आयाम जुड़ जाते हैं।
Mithauwa – ( Hindi ) By Ashtbhuja Shukla
Author / Ashtbhuja Shukla
Look Around – Hindi ( लुक अराउंड ) By Vijender Chauhan
Author / Vijender Chauhan
Kabootarbaaz By Vinay Sultan & Sumit Singh
Author / Vinay Sultan & Sumit Singh
Kar Dikhao Kuch Aisa By RJ Kartik
Author / RJ Kartik
Pedru Aur Bada Dhamaka By Nandita da Cunha
Author / Nandita da Cunha
कुछ अशुभ रोत्नागाँव की शांति को तहस-नहस कर रहा है… पेद्रु अपने गाँव से बाहर के जीवन को लेकर जिज्ञासु है। हालाँकि उसे अपने पिता के काजू बागान और माँ के बनाए सालन, अपने वफादार दोस्त और फुटबॉल के मैदान से प्यार है, लेकिन एक ‘खोजी’ बनने की तड़प भी रखता है। अलबत्ता, भाग निकलने की उसकी योजना गड़बड़ हो जाती है, तो वह मानने लगता है कि उसने घटनाओं का एक ऐसा सिलसिला शुरू कर दिया है, जो पूरे गाँव को खतरे में डाल देगा।
ये नये रहस्यमय लोग कौन हैं? वे उनके गाँव के नज़दीक की टेकरी में धमाके कर-करके इतना बड़ा गड्ढा क्यों खोद रहे हैं? यह कहानी भावनाओं के उतार-चढ़ाव का सैलाब है, जो आपको एक ताकतवर विरोधी के खिलाफ अपनी प्यारी धरती को बचाने के लिए एक लड़के और उसके गाँव के संघर्ष से रूबरू कराती है।
Bachche Masheen Nahin Hain By Alok Kumar Mishra
Author / Alok Kumar Mishra
शिक्षा सिर्फ़ विद्यार्थियों का प्रश्न नहीं है, यह हमारे नागरिक भविष्य और मनुष्यता का मसला है। यह किताब शिक्षा व उससे जुड़े विषयों को इसी ज़मीन से देखती है। यह बड़े-बड़े सिद्धांतों के परकोटे से शिक्षा को देखने की बजाय बाल मनोविज्ञान और हमारे दैनंदिन सामाजिक जीवन के भीतर से अपने सूत्र विकसित करती है। इसके चलते यह अध्यापकों के
लिए उपयोगी होने के साथ आम विचारशील लोगों के लिए भी रोचक बन उठी है।
इसकी सादगी प्रभावित और ईमानदारी कनविन्स करती है।