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Pragya Mishra’s Magical Tales Combo: Teddy evam Anya Kahaniyan, Oont Ka Boot, Naani Ki Baatein, Khaajana, Aabra Ka Daabra Pack Of 5 – Hindi

995.00 796.00

• Teddy evam Anya Kahaniyan
• Oont Ka Boot
• Naani Ki Baatein
• Khaajana
• Aabra Ka Daabra

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STEAM Education Handbook for Teachers And STEAM Activities and Module for Students – Combo

1,049.00 839.20

Welcome to the captivating world of STEAM – Science, Technology, Engineering, Arts, and Mathematics. In this book, we embark on a journey through the intersections of these diverse disciplines, exploring their interconnectedness and their profound impact on our lives and the world around us.

This comprehensive STEAM education handbook provides invaluable guidance for integrating Science, Technology, Engineering, Arts, and Math into your classroom curriculum. With insights from experts in the field, it offers a dynamic approach to spark creativity, innovation, and problem-solving in students.

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Sapiens: A Graphic History (Combo Pack) – Volume 1: The Birth of Humankind & Volume 2: The Pillars of Civilization by Yuval Noah Harari (Hindi Edition: मानव जाति का जन्म & सभ्यता के स्तंभ)

2,099.00 1,679.20
  • Sapiens: A Graphic History Volume 1: The Birth of Humankind

  • Sapiens: A Graphic History Volume 2: The Pillars of Civilization

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Shloks Set of 8 For Kids – Gita Revolution

480.00 384.00

Author / Swati Grag

Can leadership be taught from an early age? In the series ‘8 Leadership Skills from Bhagavad Gita’, Krishna helps Arjuna understand that leadership isn’t about telling others what to do—it’s about setting the right example, making wise choices, and never giving up.

A pack of 8 storybooks –
Book 1 – I choose happiness (shlok 2.14)
Book 2 – Self-discipline (shlok 6.6)
Book 3 – Help the helper (shlok 12.13)
Book 4 – Be the change (shlok 3.21)
Book 5 – Humility Rocks (shlok 4.34)
Book 6 – Kind words rock (shlok 17.15)
Book 7 – Try & try until you succeed (shlok 6.5)
Book 8 – Self confidence (shlok 18.47)

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Neend Ka Baksa – Hindi By Manoj Kumar Jha

175.00 140.00

Author / Manoj Kumar Jha

आकाश में तारे टिमटिमा रहे हैं तो नीचे घास पर जुगनू । अक्षर किताबों से निकल भागे, नदी पार की लेकिन पहुँचे भी तो कहाँ – काँटों के गाँव । समंदर, नदी, नहर और बाल्टी सबमें पानी है। अपनी अपनी जगहों से पानी और पानी की बातें हो रही हैं। उधर फूलों के रंग तुमसे कुछ कहने को हैं । सपने में लाहौर जाकर कुल्फी खा लो और सपने में ही घर लौट आओ। ऐसी प्यारी और जादूभरी कविताएँ पढ़नी हैं ? ‘नींद का बक्सा’ घर ले जाओ और चुपके से खोलकर देखो। इसमें जितनी सुन्दर कविताएँ हैं उतने ही सुन्दर चित्र। गौर से देखो तो इस बक्से के चित्र और कविताएँ बातें करती दिखेंगी।
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Chiya Ki Cycle – Hindi By Yash Malviya

175.00 140.00

Author / Yash Malviya

संता क्लाज़ से थोड़ी कम ही इनकी झक-झक दाढ़ी है संता के तो रेनडियर हैं इनकी धक्का गाड़ी है इक काँधे पर झोला है दिल बच्चों सा भीला है झोले में कविताएँ हैं खुशियाँ दाएँ बाएँ हैं यश अंकल तो संता जैसे हो – ही कर के हंसते हैं इनके पास तो गीतों वाले नन्हें-नन्हे बस्ते हैं
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Little Buddha – Hardcover

199.00 159.20

Author / Kamini Gayakwad

India has been home to many great personalities, but few have shown as much compassion as Lord Buddha. This book brings to life inspiring stories from Buddha’s childhood, offering young readers a glimpse into his early years. With captivating storytelling and beautiful illustrations, it will surely engage and delight children.
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Bhagwan Buddh – Hindi – Hardcover

199.00 159.20

Author / Kamini Gayakwad

भारत में बहुत से महान लोग हुए हैं, लेकिन बुद्ध जैसा करुणाशील कोई दूसरा नहीं हुआ। इस किताब में उन्हीं भगवान बुद्ध के बालजीवन की कहानियाँ हैं, जो बच्चों को पसंद आएंगी। इसका खूबसूरत चित्रांकन भी बच्चों के लिए मनोहर होगा।
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Mohabbat Ki Dukaan – मोहब्बत की दुकान By Yashwant Vyas

160.00 128.00

Author / Yashwant Vyas

मोहब्बत की दुकान दुकान अगर हुई तो सौदे की रेट लिस्ट भी होगी। रेट लिस्ट है तो प्रॉफिट का हिसाब भी होगा। जो मोहब्बत में भी प्रॉफिट निकाल ले उसे इश्क़ की इल्लत पालने की बजाय परचून का धंधा खोल लेना चाहिए। एक सांस में पढ़ जाने लायक बतकहियों का खाता खोलती जुमलों के दौर की जानलेवा कहानियां यशवंत व्यास नए प्रयोगों के लिए चर्चित व्यंग्यकार पत्रकार. बोसकीयाना, कवि की मनोहर कहानियां, चिंताघर, कामरेड गोडसे, ख्वाब के दो दिन, अपने गिरेबान में, कल की ताज़ा ख़बर, अमिताभ का अ, अब तक छप्पन, इन दिनों प्रेम उर्फ लौट आओ नीलकमल, यारी दुश्मनी, जो सहमत हैं सुनें आदि किताबें. कई मीडिया उपक्रमों में प्रमुख रहे. कई सम्मान. डेढ़ दशक से प्रतिष्ठित अख़बार अमर उजाला के समूह सलाहकार नए माध्यमों पर कुछ अनूठे प्रयोगों में व्यस्त.
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The Power Of Your Subconscious Mind By Joseph Murphy

399.00 319.20
What if you could reprogram your mind for success, happiness, and fulfilment? The Power of the Subconscious Mind reveals the astonishing influence of your thoughts on your reality. Backed by scientific insights and timeless wisdom, this book explores how you can harness your subconscious to overcome obstacles, attract opportunities, and achieve your dreams. Through practical techniques, real-life examples, and transformative exercises, you’ll discover how to:
✓ Rewire negative thought patterns
✓ Manifest success, love, and prosperity
✓ Heal emotional and physical challenges
✓ Cultivate unshakable confidence and inner peace Your mind is more powerful than you think Unlock its potential and create the life you desire!
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Bharat Darshan By Nishant Jain – Hindi

149.00 119.20

Author / Nishant Jain

भारतीय सिविल सेवाओं की ट्रेनिंग में स्टडी टूर को आम बोलचाल में ‘भारत दर्शन’ कहते हैं। युवा आई.ए.एस. अधिकारी निशान्त जैन ने इस किताब में अपनी ट्रेनिंग के दौरान 45 दिन के इस भारत दर्शन में 18 राज्यों की अनूठी यात्रा के अपने अनुभवों को उकेरने की कोशिश की है। इसमें न सिर्फ़ भारत की एक साफ़ तस्वीर उभरती है बल्कि एक भावी युवा प्रशासक की जिज्ञासा और अन्तर्दृष्टि भी दिखाई पड़ती है। यात्रा की विवरणात्मक ढंग से चलती कहानी भावनात्मक प्रवाह में अनेकशः काव्यमय हो गयी है। निशान्त जैन निशान्त जैन युवा लेखक व प्रशासक हैं। वह 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में 13वीं रैंक के साथ सफल होकर हिंदी मीडियम टॉपर बने। उनका जन्म मेरठ के एक साधारण परिवार में हुआ। मेरठ कॉलेज से एम.ए. और दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.फिल. के बाद लोक सभा सचिवालय में दो साल नौकरी भी की। वहीं रहते हुए वह आई.ए.एस. में चयनित हुए। तत्पश्चात सेवा में रहते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी पर हिन्दी और अंग्रेजी में उनकी कई किताबें काफी लोकप्रिय रही हैं। वह 2015 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी हैं और राजस्थान में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
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Gigi Zara – गीगी ज़ारा

199.00 159.20

Author / Pragya Mishra

ज़ारा नानी गीगी की दुलारी है।
वैसे तो ज़ारा सबकी दुलारी है- मम्मा की, पापा की सबकी। छुट्टियों में गीगी, जारा को वर्चुअल रियलिटी के ऐसे संसार में भेज देती हैं, जहाँ बादलों की सवारी है, प्यारे प्यारे यूनीकॉन येल और पिंकी हैं, गाईडिंग एंजेल्स हैं और चार दरवाज़े हैं, जिन्हें ज़ारा को अपनी सूझ-बूझ और हिम्मत से पार करना ही है। पार नहीं करेगी तो एक भरा पूरा जंगल उदास और अंधेरा रह जाएगा, प्यारा लुमिना अपनी मम्मा से मिल नहीं पाएगा। क्या ये हो पाया?
पढ़ो और इस रोमांचक सफ़र में साथ हो लो….

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Jaddu Ki Ghadi – जादू की घड़ी

175.00 140.00

Author / Mamta Kalia

जादू की घड़ी में सात छोटी-छोटी कहानियाँ हैं। इन कहानियों में बच्चों का सरल संसार है।
इस संसार में मम्मी- पापा, दादा-दादी, स्कूल, जादूगर और एक खुराफ़ाती मामा है। यहाँ विश्व कथासंसार की झलक भी है और गूगल भी; जो सबकुछ जानता है लेकिन 13 के पहाड़े पर अटक सकता है।

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Neelkanth – नीलकंठ – Hardcover

249.00 199.20

Author / Mahadevi Verma 

नीलकंठ एक मोर की कहानी है।
महादेवी वर्मा ने इसे बड़े सरस और आत्मीय ढंग से लिखा है। इस सुंदर गद्य से गुज़रते हुए हम नीलकंठ के बचपन से लेकर उसके वयस्क मयूर बनने तक की यात्रा में साथ हो लेते हैं। हम उससे ऐसा जुड़ाव महसूस करने लगते हैं कि नीलकंठ का गुस्सा, उसकी उदासी और उसका प्यार हमें महसूस होने लगता है।
इस संस्मरण के परिदृश्य में लेखिका का पशु पक्षियों के प्रति अनुराग भी जैसे गूँजता रहता है। नीलकंठ की कथा पढ़ते हुए हम एक सुंदर और मार्मिक प्रेमकथा से भी रूबरू होते हैं।

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Paavati Kaun Dega – पावती कौन देगा

299.00 239.20

Author / Priy

प्रिय का सधा हुआ चमकदार गद्य उनके व्यंग्य को वह ज़रूरी धार मुहैया कराता है जिसकी अनुपस्थिति में इस तरह के लेखन के सामने दोहराव का जोखिम बना रहता है। उनके लेखन में जीवन से सीधी मुठभेड़ करते आमजन के लिए स्पष्ट प्रतिबद्वता तो नज़र आती ही है, उनके अध्ययन के विस्तृत और दिलचस्प दायरे की झलक भी मिलती है। वे बड़ी आसानी से भाषा और शैलियों के अलग-अलग रास्तों में आवाजाही करना जानते हैं और उनकी चपल और संवेदनशील दृष्टि चीज़ों के आरपार देखने का हौसला रखती है। प्रिय का यह पहला संग्रह समकालीन साहित्य में उनकी मजबूत उपस्थिति को दर्ज करेगा।

प्रिय हिन्दी व्यंग्य की उम्मीद हैं। उनके लेखन में राजनीतिक जुमलों से भरमाने वाली अभिव्यक्ति नहीं बल्कि उससे आगे निकलता सहज परिहास है। बीते अनेक दशकों से व्यंग्य के नाम पर बौद्विक कुण्ठा परोसी जा रही थी। कभी-कभी कुण्ठा के ऐसे ही प्रस्तुतिकरण को राजनीतिक चेतना भी कह दिया जाता रहा है। प्रिय की लिखत में सिर्फ राजनीति नहीं, हमारे आसपास का आम परिवेश है। प्रिय, तुम ‘पारसाई’ से बचते हुए हमाम की हलचल बताते रहो।

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Rail Locomotive Ka Bhoot – रेल लोकोमोटिव का भूत

249.00 199.20

Author / Sumit Sinha

रेल लोकोमोटिव का भूत क्या भूत होते हैं और अपना प्रतिशोध लेते हैं ?
क्या ऐसे भी भूत होते हैं जो सच्चाई और न्याय के लिए प्रतीक्षा करते हैं और तब मुक्त होते हैं ?
उस रेल लोकोमोटिव कारखाने के खंडहर में वाकई भूत प्रेत रहते थे या यह बातें किसी अपराधकथा पर डाला गया ऐसा परदा था जिसके पार जाने की किसी की हिम्मत न पड़े?
भूत, प्रेत, किसी अज्ञात शक्ति की छाया … ये ऐसी बातें हैं जिससे मनुष्य हमेशा रोमांचित, भयभीत और आकर्षित होते रहे है। विज्ञान इन बातों को नहीं मानता लेकिन जनमानस का एक बड़ा हिस्सा इन बातों पर विश्वास करता आया है। तर्क और आभास, विश्वास और अविश्वास के इसी कठिन संतुलन बिंदु की कथा है- रेल लोकोमोटिव का भूत ।

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Udne Wala Phool – उड़ने वाला फूल

175.00 140.00

Author / Upasana

उपासना की यहाँ प्रस्तुत रचानाएँ विधाओं के बीच आवाजाही का सुन्दर उदाहरण हैं। ये फ़्लैश फिक्शन के नज़दीक नज़र आती हैं लेकिन इनमें कविता, संस्मरण और स्केच की छायाएँ भी आती जाती दिखती हैं। इनमें ऐसे क्षणों को कोमलता से दर्ज किया गया है जो अन्यथा देखने से छूट जाते हैं। अछूती बिम्बात्मकता के बावजूद ये सरल भी हैं, बहुलार्थक भी।
इनसे गुज़रकर पाठक के देखने और सोचने का तरीक़ा वह नहीं रह जाता, जो इससे पहले था। उसमें स्मृति के प्रति थोड़ी रागात्मकता बढ़ जाती है, दृष्टिकोण में कुछ अपरिचित आयाम जुड़ जाते हैं।

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Mithauwa – ( Hindi ) By Ashtbhuja Shukla

199.00 159.20

Author / Ashtbhuja Shukla

मिठउवा -अष्टभुजा शुक्ल के ललित निबंध सिर्फ ललित नहीं हैं। ये अपनी अन्तर्वस्तु में पाठक को हमारे समय की असाध्य समस्याओं, जीवन के जटिल और बीहड़ पथों तक ले जाते हैं। उनके निबंधों में गजब की आन्तरिक संगति है और इनमें अष्टभुजा शुक्ल लेखक के रूप में भी किसान लगते हैं। सरोकारों, स्थितियों से जूझते हुए, वंचित जन के साथ जीवन – क्षेत्र में कुदाल–कलम से जोतते-खोदते हुए। सो अष्टभुजा शुक्ल हिन्दी गद्य को समर्थतर बनाने वाले सिर्फ गद्यकार नहीं समर्थ कवि सक्षम गद्यकार हैं। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की परंपरा को देखते हुए कौन कहता है कि हिन्दी गद्य में बाणभट्ट की संभावना नहीं है। -विश्वनाथ त्रिपाठी आवरण के चित्रकार ‘पद्मश्री’ भज्जू श्याम गोंड चित्रकला के लिए सुविख्यात प्रधान गोंड परिवार की नयी पीढ़ी के चित्रकार हैं। उनके चित्र भारत भवन समेत देश और विदेश में अनेक जगह प्रदर्शित हुए हैं। भज्जू ने पारंपरिक गोंड चित्रकला में आधुनिक आयाम जोड़कर उसका विस्तार किया है। लंदन यात्रा पर आधारित उनकी बहुचर्चित पुस्तक – ‘द लन्दन जंगल बुक’ इटैलियन, डच, फ्रेंच, कोरियन और पुर्तगाली भाषाओं में भी प्रकाशित हुई है।
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Look Around – Hindi ( लुक अराउंड ) By Vijender Chauhan

249.00 199.20

Author / Vijender Chauhan

दुनिया बदल रही है, ब्यूरोक्रेसी बदल रही है और ब्यूरोक्रेट चुनने का एग्ज़ाम भी बदल रहा है । यह किताब इसी नये समीकरण यानी यूपीएससी 2.0 पर बात करती है और उसके लिए खुद को तैयार करने की तरकीबें बताती है। यह किताब मोटिवेशन की पारंपरिक किताबों से अलग अपने आसपास की वास्तविक दुनिया और खुद को समझने की नज़र देने वाली किताब है। इसका संदर्भ बेशक यूपीएससी है लेकिन असल में यह पढ़ने के तरीके और व्यक्तित्व तराशने का हुनर देने वाली किताब भी है। सो अगर खूब पढ़ाई के बावजूद सिलेक्शन से दूर हैं तो परीक्षा पर नहीं अपनी पढ़ाई के तरीके पर सोचना होगा । अगर जानकारी के बावजूद इन्टरव्यू में कम नंबर आते हैं तो आपको अपनी अभिव्यक्ति पर काम करना होगा । अगर आप बार-बार डीमोटिवेट होते रहते हैं तो अपने सोचने के तरीके पर सोचने की ज़रूरत होगी । लेकिन यह सब किया कैसे जाता है? यही तो यह किताब सिखाती है।
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Kabootarbaaz By Vinay Sultan & Sumit Singh

349.00 279.20

Author / Vinay Sultan & Sumit Singh

अय्यारों से लेकर यारों तक और जहाज़ियों से लेकर सिपहसालारों तक, प्यार और जंग में इंसानों का दम भर साथ दिया है कबूतरों ने। भला हो उन इतिहास की किताबों का जो न लिखी गईं और न कबूतरों ने पढ़ीं, वरना कबूतरों के जत्थे अपने पुरखों की सेवा का हिसाब लेने हमारे बारजों पर यूं भी चले ही आते। क्या मालूम आपकी बालकनी का कबूतर ऐसा ही कुछ पूछने की कोशिश में हो। फिर भी कबूतर हैरान तो होते होंगे कि शहर क़स्बों की दीवारों पर हकीम लुकमानी जैसों के ठीक बाद ‘कबूतर जाली लगवायें’ के इश्तिहार आख़िर क्यों कर लग गए हैं? हमारे हिस्से हैरानी का ये सिरा आया कि सदियों पुरानी और दुनिया भर में आज भी खेली जा रही कबूतरबाज़ी की ज़मीन पर हमने अब तक कहानियाँ क्यों नहीं रोपीं? नतीजा, पुलिस बैंड में ट्रम्पेट बजाने वाले हेड कांस्टेबल एकईस राम और उनके कबूतरबाज़ बेटे कबीर के गिर्द घटती कहानी हम आपकी नज़र कर रहे हैं। पुराने किले और गंगा के दोआब पर कबूतरों वाले आसमान के नीचे उपजा ये उपन्यास कबूतरों या कबूतरबाज़ों भर की कहानी नहीं है, ये हमारी आपकी कहानी है। कबूतरों ने तो सिर्फ़ आईना दिखाया है, क्योंकि यही तो वे करते आए हैं सैकड़ों बरसों से…. और कबूतरबाज़ भी …
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