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Life Skills for Career

299.00

Author / Sushil Kumar Pare

अगर करिअर को लेकर गंभीर हैं तो याद रखिए – पहले हम आदतें बनाते हैं फिर आदतें हमें बनाती हैं। इसलिए जितनी जल्दी अपनी आदतों पर काम करना शुरू कर देंगे, उतनी जल्दी करियर का ग्राफ़ उठने लगेगा । सफलता न तो डिग्री में छिपी है न वाक् चातुर्य में, सफलता छोटी-छोटी बातों की महीन बुनाई वाली एक नाजुक चादर है। करियर की बुलंदियों तक पहुँचने के लिए प्रयासरत करोड़ों युवाओं के लिए उपयोगी हैंडबुक है यह किताब ।
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Little Buddha – Hardcover

199.00

Author / Kamini Gayakwad

India has been home to many great personalities, but few have shown as much compassion as Lord Buddha. This book brings to life inspiring stories from Buddha’s childhood, offering young readers a glimpse into his early years. With captivating storytelling and beautiful illustrations, it will surely engage and delight children.
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Little Hanuman – Hardcover

199.00

Author / Kamini Gayakwad

Hanuman, son of Kesri and Anjana. Why does Hanuman have a monkey face? Why did he lift the mountain? Why did he burn the Golden City Lanka? Why did Lord Indra hit him in the sky? This book has all the answers to your WHYs. Let’s dive into the vast and wonderful world of our little Hanuman. With beautiful illustrations and simple language, it will delight you.
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Little Rama – Hardcover

199.00

Author / Kamini Gayakwad

The birth of Shri Ram, his childhood pastimes, the universe in his stomach. Such stories are told in this book with simple language and beautiful illustrations.
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Little Women

499.00

Author / Louisa May Alcott

Little Women was written at Orchard House from May to July 1868. The story is based on the lives of the March sisters who are radically different from each other and their passage from childhood to womanhood. They are guided by their mother who raises them alone while her husband is off doing his part in the Civil War. Their love for their mother and father, their love for adventure and for each other unites them in this troubled time. The novel explores timeless themes such as love and death, war and peace, the conflict between personal ambition and family responsibilities, and the clash of cultures between Europe and America.
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Look Around – Hindi ( लुक अराउंड ) By Vijender Chauhan

249.00

Author / Vijender Chauhan

दुनिया बदल रही है, ब्यूरोक्रेसी बदल रही है और ब्यूरोक्रेट चुनने का एग्ज़ाम भी बदल रहा है । यह किताब इसी नये समीकरण यानी यूपीएससी 2.0 पर बात करती है और उसके लिए खुद को तैयार करने की तरकीबें बताती है। यह किताब मोटिवेशन की पारंपरिक किताबों से अलग अपने आसपास की वास्तविक दुनिया और खुद को समझने की नज़र देने वाली किताब है। इसका संदर्भ बेशक यूपीएससी है लेकिन असल में यह पढ़ने के तरीके और व्यक्तित्व तराशने का हुनर देने वाली किताब भी है। सो अगर खूब पढ़ाई के बावजूद सिलेक्शन से दूर हैं तो परीक्षा पर नहीं अपनी पढ़ाई के तरीके पर सोचना होगा । अगर जानकारी के बावजूद इन्टरव्यू में कम नंबर आते हैं तो आपको अपनी अभिव्यक्ति पर काम करना होगा । अगर आप बार-बार डीमोटिवेट होते रहते हैं तो अपने सोचने के तरीके पर सोचने की ज़रूरत होगी । लेकिन यह सब किया कैसे जाता है? यही तो यह किताब सिखाती है।
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Lucknow Arey Tauba ( लखनऊ अरे तौबा ) By Alok Mishra

249.00

Author / Alok Mishra

लखनऊ जितना नवाबों के लिए जाना जाता है उतना ही शायरों के लिए भी। पर उस दिन के बाद ये शहर टैक्सी ड्राइवर शरद सिंह के लिए भी जाना जाने लगा । क़िस्मत ने ऐसा खेल खेला कि इस एक अकेले के पीछे शायराना शहर के सारे धुरंधर पड़ गये । जैसे चाहने वाले मीर की कब्र ढूढ़ते हैं वैसे मारने वाले शरद सिंह को ढूढ़ रहे थे । किसी ज़माने में इसी लखनऊ की गलियों में अपनी मोहब्बत के हाथों में हाथ डाले शरद नवाबों की तरह घूमता था । और अब हाल ये था कि जान बचाने के लिए मारा-मारा फिर रहा था । दिन जवानी के थे और दौर मुसीबतों का। वो वक़्त कुछ और था जब शरद किसी का जान-ए-जिगर हुआ करता था। अब जो थे वे जानी दुश्मन थे। बीते दिनों पिताजी शरद से लखनऊ छुड़वाना चाहते थे और शरद ने मना कर दिया था। पर हालात ने शरद को ऐसे मोड़ पे खड़ा कर दिया था कि वो हर साँस साँस में कह रहा था- लखनऊ अरे तौबा !
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Makkar Bhediya Aur Anya Natik Kahanaiya

199.00

Author / Kamini Gaikwad

भेड़िया लंगड़े घोड़े को देखकर बहुत खुश हुआ। वह उसके पास गया और लंगड़ाने का कारण पूछने लगा। घोड़े ने बताया कि उसके पिछले दाएँ पैर में चोट लगी है। भेड़िया उस पैर को देखने पहुँचा। लेकिन हुआ क्या? अकेली टहनी तो कोई भी तोड़ सकता है, मगर गट्ठर? एक लोमड़ी ने कछुए को पकड़ लिया लेकिन उसकी खोल को तोड़ना मुश्किल था। इसपर कछुए ने कहा कि मुझे पानी में डाल दो तो मेरी खोल मुलायम हो जाएगी। लोमड़ी ने ऐसा ही किया। इसके बाद क्या हुआ इसका अंदाज़ा आप ख़ुद लगाएँ। क्या वह कछुआ दुबारा दिखा ? वह लकड़हारा जिसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गयी थी और नदी देवता ने जिसे सोने-चाँदी की कुल्हाड़ी देनी चाही थी, लेकिन वह अपनी लोहे की कुल्हाड़ी मांगता रहा। वह बेवकूफ़ था या ईमानदार? यह किताब ऐसी अनेक कहानियों का ख़जाना है। इसमें, बुद्धिमत्ता है, हास्य है, और नैतिक शिक्षा भी, लेकिन सबसे बड़ी बात – सब कुछ बाल सुगम भाषा में है।
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Mann Ke Chamatkar By Joseph Murphy

149.00

Author / Joseph Murphy

मन के चमत्कार आपका मन आपका ख़ुद का है। बेहतर जीवन जीने के लिए आपको बाहरी परिस्थितियों को नहीं, बल्कि अपने मन को बदलना होगा । आप अपनी खुद की तक़दीर बनाते हैं। परिवर्तन की शक्ति आपके मन में है और अपने अवचेतन मन का इस्तेमाल करके आप बेहतरी के ये परिवर्तन कर सकते हैं । यह डॉ. जोसेफ़ मर्फ़ी की सबसे मशहूर पुस्तक ‘द मिरैकल ऑफ़ माइंड’ का अनुवाद है। इसे सर्वश्रेष्ठ सेल्फ हेल्प पुस्तकों में से एक क़रार दिया गया है । इसकी लाखों प्रतियाँ बिक चुकी हैं ।
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Maut Bulati hai By Satya Vyas – Hindi ( मौत बुलाती है )

249.00

Author / Satya Vyas

हुसैनगंज पुलिस को क्रिस्तानी कब्रिस्तान के बाहर एक लाश मिली है और रेलवे पुलिस को मंडावली रेलवे ट्रैक पर दूसरी लाश। क़ातिल आला दर्जे का शातिर है। वह दो अलग-अलग दायरे में काम करनेवाली पुलिस को आपस में उलझा देता है। और समस्या केवल यही नहीं है। यह भी है कि एक लाश के साथ तीन हाथ है। कौन मजलूम है और कौन मुजरिम। कौन मक़तूल है और कौन क़ातिल। अगर आप यह केस इंस्पेक्टर नकुल से पहले सुलझा पाते हैं तो सबसे पहले अपने दिमाग को ही शक के दायरे में खड़ा करें। क्योंकि फिर आप भी क़ातिल की तरह ही सोचते हैं।
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Mere Desh ki Dharti – मेरे देश की धरती

349.00

Author / Rashmi Bansal

मेरे देश की धरती 20 उद्यमियों की कहानी है, जिन्होंने न सिर्फ विश्वस्तरीय कंपनी खड़ी की, बल्कि अपनी जड़ों से भी जुड़े रहे। भारत के छोटे-छोटे शहरों से काम करते हुए स्थानीय प्रतिभाओं के साथ मिलकर, उन्होंने विश्व बाजार में अपनी दस्तक दी। प्रोफेशनल बिजनेस चलाने की काबिलियत अब जगह की सीमाओं में कैद नहीं है। आपको जो चाहिए बस उसे करने के लिए मिशन और विजन की जरूरत होती है। आप कहीं भी हों, वहीं से इसे साकार कर सकते हैं। “मेरे देश की धरती”

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Miss You Bruzo (English)

199.00

Author / Tanishi Sharma

Yes…, Bruzzo is a pet. The book revolves around it. The company of Bruzzo in the beautiful city of Dharamshala in Himachal Pradesh fulfils the long-cherished dream of a small girl. She would frequently ask her mother for a pet while she was living in Delhi. Her mother had always declined the girl’s requests. When the COVID-19 pandemic was at its peak in the first phase, the girl’s family shifted to Dharamshala in a rented house. The owner of the house had a pet named Bruzzo. The ten-year-old girl spends plenty of time playing with him but the happiness lasts for a short while only…
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Miss You Bruzo (Hindi)

199.00

Author / Tanishi Sharma

जी, हाँ…। ब्रूज़ो एक पालतू डॉगी है। किताब इसके इर्द-गिर्द ही घूमती है। दिल्ली की रहने वाली एक छोटी लड़की की ब्रूज़ो से मुलाक़ात हिमाचल प्रदेश के ख़ूबसूरत शहर धर्मशाला में होती है। ब्रूज़ो का साथ उसकी चाहत को पूरा करता है। जब वह दिल्ली में रहती थी, तो अक्सर अपनी माँ से एक डॉगी को घर पर रखने की माँग करती थी। लेकिन उसकी माँ उसकी इस इच्छा को हमेशा नज़रअंदाज़ करती रहीं। कोरोना के पहले दौर में, जब महामारी का भय चरम पर था, तब वह सपरिवार धर्मशाला शिफ्ट हो जाती है। वह जिस घर में रहती है, उसके मकान मालिक के पालतू कुत्ते का नाम ब्रूज़ो है। दस साल की छोटी लड़की ब्रूज़ो के साथ ख़ूब खेलती और उसके साथ काफी समय बिताती। लेकिन यह ख़ुशी थोड़े दिनों के लिए ही रहती है..। यह उपन्यास हिंदी बाल साहित्य की दुनिया में एक नई शुरुआत है।
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Mithauwa – ( Hindi ) By Ashtbhuja Shukla

199.00

Author / Ashtbhuja Shukla

मिठउवा -अष्टभुजा शुक्ल के ललित निबंध सिर्फ ललित नहीं हैं। ये अपनी अन्तर्वस्तु में पाठक को हमारे समय की असाध्य समस्याओं, जीवन के जटिल और बीहड़ पथों तक ले जाते हैं। उनके निबंधों में गजब की आन्तरिक संगति है और इनमें अष्टभुजा शुक्ल लेखक के रूप में भी किसान लगते हैं। सरोकारों, स्थितियों से जूझते हुए, वंचित जन के साथ जीवन – क्षेत्र में कुदाल–कलम से जोतते-खोदते हुए। सो अष्टभुजा शुक्ल हिन्दी गद्य को समर्थतर बनाने वाले सिर्फ गद्यकार नहीं समर्थ कवि सक्षम गद्यकार हैं। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की परंपरा को देखते हुए कौन कहता है कि हिन्दी गद्य में बाणभट्ट की संभावना नहीं है। -विश्वनाथ त्रिपाठी आवरण के चित्रकार ‘पद्मश्री’ भज्जू श्याम गोंड चित्रकला के लिए सुविख्यात प्रधान गोंड परिवार की नयी पीढ़ी के चित्रकार हैं। उनके चित्र भारत भवन समेत देश और विदेश में अनेक जगह प्रदर्शित हुए हैं। भज्जू ने पारंपरिक गोंड चित्रकला में आधुनिक आयाम जोड़कर उसका विस्तार किया है। लंदन यात्रा पर आधारित उनकी बहुचर्चित पुस्तक – ‘द लन्दन जंगल बुक’ इटैलियन, डच, फ्रेंच, कोरियन और पुर्तगाली भाषाओं में भी प्रकाशित हुई है।
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Mohabbat Ki Dukaan – मोहब्बत की दुकान By Yashwant Vyas

160.00

Author / Yashwant Vyas

मोहब्बत की दुकान दुकान अगर हुई तो सौदे की रेट लिस्ट भी होगी। रेट लिस्ट है तो प्रॉफिट का हिसाब भी होगा। जो मोहब्बत में भी प्रॉफिट निकाल ले उसे इश्क़ की इल्लत पालने की बजाय परचून का धंधा खोल लेना चाहिए। एक सांस में पढ़ जाने लायक बतकहियों का खाता खोलती जुमलों के दौर की जानलेवा कहानियां यशवंत व्यास नए प्रयोगों के लिए चर्चित व्यंग्यकार पत्रकार. बोसकीयाना, कवि की मनोहर कहानियां, चिंताघर, कामरेड गोडसे, ख्वाब के दो दिन, अपने गिरेबान में, कल की ताज़ा ख़बर, अमिताभ का अ, अब तक छप्पन, इन दिनों प्रेम उर्फ लौट आओ नीलकमल, यारी दुश्मनी, जो सहमत हैं सुनें आदि किताबें. कई मीडिया उपक्रमों में प्रमुख रहे. कई सम्मान. डेढ़ दशक से प्रतिष्ठित अख़बार अमर उजाला के समूह सलाहकार नए माध्यमों पर कुछ अनूठे प्रयोगों में व्यस्त.
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Munshi Premchand ki Bal Kahaniyan

150.00

Author / Munshi Premchand

मुंशी प्रेमचंद की बाल कहानियाँ झूरी के दोनों बैल- हीरा और मोती, बड़े मेहनती, आज़ाद ख़याल और स्वाभिमानी थे। गया गुल्ली-डंडा के खेल में तब तक हारता है जब तक खेलता नहीं। खेलने लगता है तो लोग दाँतों तले ऊँगली दबा लेते हैं। राजा का हाथी पागल नहीं था, उसे प्रेम, सम्मान और आज़ादी चाहिए। कल्लू कुत्ता तो कमाल है। ईदगाह का हामिद अपने चिमटे के साथ कहानियों का अमर किरदार है। मिट्टू एक बन्दर का नाम है, जो अपनी बुद्धिमत्ता से सबका दिल जीत लेता है।
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Munshi Premchand’s Stories: ‘Bal Kahaniyan’ and ‘Kutte Ki Kahani Combo – Hindi

Original price was: ₹300.00.Current price is: ₹289.00.

Kutte Ki Kahani

Bal Kahaniyan

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My Philosophy Adventure With My Philosopher Grandfather

199.00

Author / Buket Kurt

The Child begins to think about “thinking” during an activity at school. While working on research,h he encounters the name “Aristotle” for the first time: One of the greatest philosophers and important scientists in the history of philosophy. The Child knows what a scientist means. But what is a philosopher, what is philosophy? Is every human being, who can think, a philosopher? His questions never have an end. Only one person can give the most accurate answer that The Child is looking for; his grandfather, who is a retired philosophy professor and lives in a small distant town. In this first book of the series, The Child will start his philosophy adventure at his school and will continue with his wise grandfather during the summer vacation. Let’s join the journey with him and meet “philosophical thinking” with great activities during “thinking breaks”!
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Naani Ka Chashma

399.00

Author / Ruskin Bond

रस्किन बॉण्ड हमारी आँखों से ओझल दुनिया की पुनर्रचना करने वाले जादूगर हैं| यह ओझल दुनिया कहीं रोमाँच, भय, जिज्ञासा के हमारे अपने ही मनोभावों की है तो कहीं कीट, पतंगों, फूल-पौधों या मामूली भुनगों की| रस्किन की नज़र पाते ही मामूली चीज़ें भी अपने अनोखेपन से दीप्त हो उठती हैं| उन्हें पढ़ते हुए हमेशा लगता रहता है कि यह दुनिया अकथ्य सुन्दर है| जिसका रचयिता इसे और सुन्दर बनाने की ज़िम्मेदारी हम पर डालकर स्वयं कहीं छिप गया है| यह किताब हिंदी पाठकों के लिए रस्किन की इस अनोखी और बहुरंगी दुनिया में उतरने का दुर्लभ अवसर है| 

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Naani Ki Baatein Evam Anya Kahaniyan By Pragya Mishra

199.00

Author / Pragya Mishra

प्रज्ञा मिश्रा बालकथा लेखन में अब एक प्रतिष्ठित नाम है। उनका पहला कहानी संग्रह-फुहार-लोक भारती प्रकाशन से प्रकाशित होकर चर्चित हो चुका है। उनकी दूसरी किताब, बोलते-बुलबुले पाँच भागों में बाल कहानियों का महत्त्वाकांक्षी प्रोज़ेक्ट है। इसकी दो किताबें, टैडी एवं अन्य कहानियाँ और ऊँट का बूट एवं अन्य कहानियाँ पिछले दिनों प्रकाशित हुई हैं। नानी की बातें बोलते बुलबुले सीरीज़ की तीसरी किताब है। प्रज्ञा मिश्रा यों तो वह वाणिज्य की छात्रा रही हैं लेकिन उनकी रुचि अध्यात्म में ज्यादा है। उनके जीवन पर परम् पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी द्वारा प्रतिपादित सहज योग ध्यान का गहरा प्रभाव रहा है। सन् 2017 में BRICS-IF और श्री योगी महाजन से जुड़ने के बाद उन्होंने जन सरोकारों पर सोचना शुरू किया।
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