ऋक्सुंदर बनर्जी एक भारतीय लेखक हैं, जिनका जन्म 9 अगस्त 1987 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था। उन्होंने जादवपुर विश्वविद्यालय से बंगाली साहित्य में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। 2018 में, उन्होंने बर्दवान विश्वविद्यालय से “बांग्ला कहानी साहित्य में भूत: परंपरा और परिवर्तनशीलता” विषय पर पीएच.डी. की उपाधि अर्जित की।
ऋक्सुंदर ने कई बंगाली पुस्तकों का प्रकाशन किया है, जिनमें शामिल हैं:
- “ट्रेनर अड्डा: बांगालीर भिन्न सांस्कृतिक परिसर” (2014)
- “छाया शरीर: सेकाल एकालेर भूतों की कहानियाँ” (2016)
- “प्रवासी दोइबेर बोशे” (2017)
- “चलार पथेर खोरकुटो” (2019)
उन्होंने अंग्रेजी में भी कार्य किया है, जैसे कि “द बुक ऑफ इंडियन घोस्ट्स” (2021) और “हॉन्टेड प्लेसेस ऑफ इंडिया” (2023), जो एलेफ बुक कंपनी द्वारा प्रकाशित की गई हैं।
ऋक्सुंदर के लेख विभिन्न पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं, जैसे कि आनंदबाजार पत्रिका और एई समय। उन्होंने फिल्म “भोटभोटी” के पटकथा और संवाद लेखन में भी योगदान दिया है।
उनकी पुस्तक “द बुक ऑफ इंडियन घोस्ट्स” को ‘द हिंदू’ समाचार पत्र में सराहना मिली है।
ऋक्सुंदर बनर्जी का कार्य भारतीय भूत-प्रेत कथाओं और लोककथाओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जो पाठकों को भारतीय संस्कृति में गहराई से जुड़े इन रहस्यमय पहलुओं को समझने में मदद करता है।
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