Gaban By Premchand

Imprint / Yuvaan Books
गबन’ की नायिका जालपा का बचपन से एक सपना है- उसे माँ के जैसा ही चंद्रहार मिले। इस स्वप्न के इर्द-गिर्द प्रेमचंद भारतीय मध्यवर्ग के पतन की कथा लिखते हैं। जालपा का स्वर्णाभूषणों के प्रति अतार्किक प्रेम नायक रमानाथ को भ्रष्टाचार की ओर इतना ले जाता है कि वह अन्ततः निर्दोषों को सज़ा कराने के लिए झूठा सरकारी गवाह तक बनने को तैयार हो जाता है; यह ‘गबन’ की कथा है। इसके बीच ऐसे अनेक चरित्र और उनके जीवन प्रसंग हैं जो सहज मानवीय ढंग से उच्चता और अवनति की ओर यात्रा करते दिखाई देते हैं। इससे ‘गबन’ बस आभूषण प्रेम के दुष्परिणामों का आख्यान नहीं रह जाता- मानवीय गरिमा और सामाजिक परिवर्तन के उच्च आदर्शों का दस्तावेज बन जाता है।

275.00 247.50

40 People watching this product now!

Guaranteed Safe Checkout

About the Author

Additional information

Weight 0.100 kg
Dimensions 7.7 × 5.1 × 1 cm
Brand

Yuvaan Books

Author

Premchand

Imprint

Yuvaan Books

Publication date

8 October 2025

Pages

327

Reading age

16 years and up

ISBN-13

9788119745630

Binding

Paperback

Language

Hindi

Customer Reviews

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Gaban By Premchand”

Your email address will not be published. Required fields are marked *