

₹249.00 ₹199.20
100 in stock
Guaranteed Safe Checkout
गौतम राजऋषि ने अपने लेखन की शुरुआत कविता से की थी। धीरे-धीरे, छंदों को समझ लेने के बाद, ग़ज़लों में अपनी दिलचस्पी लेने लगे और अपने अनूठे ‘स्टाइल’ के दम पर गौतम ने ग़ज़लों और शायरी की दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है!
गौतम एक दशक से भी ज्यादा समय से लेखन कार्यों में लगे हैं और भारतीय सेना में एक सक्रिय अफसर, कर्नल की भूमिका भी निभा रहे हैं। उनकी रचनाएँ हंस, वागर्थ, आजकल, कादंबिनी, कथादेश, अहा ज़िंदगी, कथाक्रम, बया, काव्या, लफ़्ज़, शेष, वर्तमान साहित्य, कृति ओर, समावर्तन, अलाव आदि मुल्क की तमाम साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। ग़ज़लों के अतिरिक्त गौतम कहानी-लेखन में भी रूचि लेते हैं और उनकी एक पुस्तक, हरी मुस्कुराहटों वाला कोलाज, बेस्टसेलर हो चुकी है एवं गौतम की लेखन-शक्ति को आलोचकों ने भी, पाठकों के साथ-साथ, सराहा है!
गौतम की तीन कहानियों का मराठी, गुजराती और उर्दू में अनुवाद भी हो चूका है और हाल में ही हरी मुस्कुराहटों वाला कोलाज का ओड़िया में अनुवाद हुआ है। इसके अलावे, कथा-संग्रह का अंग्रेजी, मराठी, बोंगाला अनुवाद भी शीघ्र ही आने वाला है।
कथादेश में लगातार तीन साल से छप रहा इनका मासिक स्तंम्भ “फ़ौजी की डायरी” पाठकों द्वारा ख़ूब पसंद किया जा रहा। फिलहाल राजपाल प्रकाशन से आयी अपने दूसरे ग़ज़ल-संग्रह “नीला नीला” की लोकप्रियता पर इतरा रहे हैं।
Weight | 0.1 kg |
---|---|
Dimensions | 19 × 12 × 1 cm |
Author |
Gautam Rajrishi |
Imprint |
Yuvaan Books |
Publication date |
22 October 2024 |
Pages |
160 |
Reading age |
Upto 18 Years |
ISBN-13 |
978-8197664526 |
Binding |
Paperback |
Language |
Hindi |
Brand |
Yuvaan Books |
No account yet?
Create an Account
Reviews
There are no reviews yet.