जादू की घड़ी में सात छोटी-छोटी कहानियाँ हैं। इन कहानियों में बच्चों का सरल संसार है। इस संसार में मम्मी- पापा, दादा-दादी, स्कूल, जादूगर और एक खुराफ़ाती मामा है। यहाँ विश्व कथासंसार की झलक भी है और गूगल भी; जो सबकुछ जानता है लेकिन 13 के पहाड़े पर अटक सकता है।
ममता कालिया हिंदी और अंग्रेजी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका, कवयित्री और उपन्यासकार हैं। उनका जन्म 1940 में वृंदावन, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
ममता कालिया का लेखन समाज की सशक्त आलोचना, नारीवाद और भारतीय मध्यमवर्गीय जीवन की यथार्थपरक अभिव्यक्ति के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कविता, उपन्यास, और निबंध सहित विभिन्न विधाओं में लेखन किया है। उनकी प्रमुख कृतियों में बेघर, नारी समागम, दुखमुक्त, बोलने वाली लड़की और दौड़ शामिल हैं। उनका चर्चित उपन्यास दुक्खम-सुक्खम उनकी विशिष्ट लेखन शैली को दर्शाता है।
ममता कालिया को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें 2017 में उनके उपन्यास दुक्खम-सुक्खम के लिए व्यास सम्मान प्रमुख है। उन्होंने इंदौर के एक महिला कॉलेज में प्राध्यापक और प्रधानाचार्य के रूप में भी सेवाएं दी हैं, जिससे शिक्षा और साहित्य दोनों में उनका योगदान महत्वपूर्ण बना।
Additional information
Weight
0.100 kg
Dimensions
7.2 × 6 × 1 cm
Author
Mamta Kalia
Imprint
Unbound Script
Publication date
23 January 2025
Pages
61
Reading age
6 years and up
ISBN-13
978-9348497802
Binding
Paperback
Language
Hindi
Brand
Unbound Script
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