Kutte Ki Kahani
कुत्ते की कहानी मुंशी प्रेमचंद कल्लू कुत्ते के आश्चर्यजनक कारनामों की अनोखी कहानी। वह अपने संघर्ष, साहस, और चतुराई से अनेक बार लोगों की जान बचाता है। वह एक भाड़ में पैदा हुआ था। पंडित के याहाँ पला था लेकिन ब्रिटेन तक घूम आया। अख़बारों में उसकी ख़बरें छपती रहीं। फिर वह अपने उसी गाँव में लौट आया, जहाँ पैदा हुआ था। इसमें हास्य है, खौफ़ है, रोमांच है और जीवन के लिए ज़रूरी सीख भी।
Bal Kahaniyan
मुंशी प्रेमचंद की बाल कहानियाँ झूरी के दोनों बैल- हीरा और मोती, बड़े मेहनती, आज़ाद ख़याल और स्वाभिमानी थे। गया गुल्ली-डंडा के खेल में तब तक हारता है जब तक खेलता नहीं। खेलने लगता है तो लोग दाँतों तले ऊँगली दबा लेते हैं। राजा का हाथी पागल नहीं था, उसे प्रेम, सम्मान और आज़ादी चाहिए। कल्लू कुत्ता तो कमाल है। ईदगाह का हामिद अपने चिमटे के साथ कहानियों का अमर किरदार है। मिट्टू एक बन्दर का नाम है, जो अपनी बुद्धिमत्ता से सबका दिल जीत लेता है।
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