“जयशंकर प्रसाद की क्लासिक कहानियाँ” प्रसिद्ध हिंदी लेखक जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित लघु कहानियों का एक संग्रह है। पुस्तक में उनकी कुछ सबसे लोकप्रिय और प्रशंसित कहानियाँ शामिल हैं, जो अपनी शक्तिशाली कहानी कहने, ज्वलंत कल्पना और गहरी दार्शनिक अंतर्दृष्टि के लिए जानी जाती हैं। इस पुस्तक की कहानियाँ भारत के विभिन्न हिस्सों पर आधारित हैं और प्रेम, त्याग, कर्तव्य और आध्यात्मिकता जैसे विषयों के इर्द-गिर्द घूमती हैं।
जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी 1889 – 15 नवम्बर 1937) हिंदी साहित्य के महान कवि, नाटककार, और उपन्यासकार थे। वे छायावाद काव्यधारा के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं और उनका साहित्य भारतीय साहित्य में अमूल्य योगदान के रूप में याद किया जाता है। उनकी रचनाओं में भारतीय संस्कृति, प्रेम, दर्शन, और मनोवैज्ञानिक संघर्षों का गहरा चित्रण मिलता है।
प्रारंभिक जीवन:
जयशंकर प्रसाद का जन्म कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनका परिवार साहित्य और कला के प्रति बहुत समर्पित था, और उनके भीतर साहित्यिक प्रतिभा का विकास बचपन से ही हुआ था।
साहित्यिक यात्रा:
प्रसाद जी का साहित्यिक जीवन काव्य, नाटक, उपन्यास और कहानी तक फैला हुआ था। उनका लेखन छायावाद काव्यधारा से जुड़ा हुआ था, जिसमें प्रकृति, प्रेम, आत्मा और अस्तित्व के गहरे पहलुओं को खूबसूरती से व्यक्त किया गया था।
प्रमुख रचनाएँ:
काव्य रचनाएँ – जयशंकर प्रसाद के काव्य संग्रह बहुत प्रसिद्ध हैं। उनकी कविताओं में प्रेम, सौंदर्य, आत्मा और जीवन की नश्वरता का गहन विश्लेषण मिलता है।
कामायनी (1936) – यह उनका सबसे प्रसिद्ध काव्य है, जो भारतीय दर्शन और संस्कृति का अद्भुत मिश्रण है। इसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति की गई है।
हिमाद्रि तुझको सलाम – यह कविता भारतीय संस्कृति और प्रकृति के प्रति उनका सम्मान व्यक्त करती है।
नाटक – जयशंकर प्रसाद का नाटक लेखन भी उतना ही प्रभावशाली था। उनके नाटक मानवता, प्रेम, और तात्कालिक सामाजिक परिस्थितियों पर आधारित थे।
स्कंदगुप्त – यह नाटक प्राचीन भारत के सम्राट स्कंदगुप्त के जीवन और संघर्ष को दर्शाता है।
चंद्रगुप्त – यह नाटक चंद्रगुप्त मौर्य के जीवन की गाथा पर आधारित है, जिसमें उनके संघर्ष और शासक बनने के संघर्ष को चित्रित किया गया है।
उपन्यास – उनके उपन्यास भी समकालीन समाज और जीवन के गहरे पहलुओं को उजागर करते थे।
तितली – यह उपन्यास जीवन और प्रेम के बीच के संघर्षों को दर्शाता है।
कनक मणि – यह उपन्यास सामाजिक और मानसिक मुद्दों पर आधारित था।
कहानियाँ – उनकी कहानियों में भी जीवन की जटिलताओं और मनुष्य के आंतरिक संघर्षों का उत्कृष्ट चित्रण है।
लेखन शैली:
जयशंकर प्रसाद की लेखन शैली को उनकी संवेदनशीलता, गहरी सोच, और प्रतीकात्मकता के लिए जाना जाता है। उनकी कविताओं में काव्यात्मक सुंदरता और दार्शनिकता का अद्भुत मिश्रण था। उन्होंने हिंदी साहित्य में एक नया मोड़ दिया और उनके द्वारा रचित साहित्य का असर आने वाली पीढ़ियों पर गहरा पड़ा।
सम्मान और विरासत:
जयशंकर प्रसाद को उनके साहित्यिक योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए। वे भारतीय साहित्य के ऐसे महान व्यक्तित्व थे, जिनका लेखन आज भी लोगों को प्रेरणा देता है। उनका योगदान हिंदी साहित्य में अमिट है और उनकी रचनाएँ सदैव पाठकों में जीवित रहेंगी।
जयशंकर प्रसाद का निधन 15 नवम्बर 1937 को हुआ, लेकिन उनकी रचनाएँ आज भी हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में मान्य हैं।
Additional information
Weight
0.05 kg
Dimensions
15.2 × 10.2 × 0.1 cm
Author
Jaishankar Prasad
Imprint
Yuvaan Books
Publication date
1 January 2023
Pages
119
Reading age
5 years and up
ISBN-13
978-9392088469
Binding
Paperback
Language
Hindi
Brand
Yuvaan Books
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