Shop
Filter by price
Stock status
Search by Brands
- The Kid Books (32)
- Unbound Script (103)
- Yuvaan Books (76)
Top rated products
-
Look Around - Hindi ( लुक अराउंड ) By Vijender Chauhan
Rated 5.00 out of 5₹249.00 -
Kabootarbaaz By Vinay Sultan & Sumit Singh ₹349.00
-
Frankenstein and Dracula Classic Books Combo ( Pack Of 2 )
₹698.00Original price was: ₹698.00.₹649.00Current price is: ₹649.00.
Showing 101–120 of 212 results
Nainital Ka Khooni: Detective Neerja Gandhi- Part 2
₹299.00Author / Chantal Van Mierlo
Nainital Ka Khooni: Siddharth Murder Mystery- Part 1
₹299.00Author / Chantal Van Mierlo
Nanhi Machli Aur Neelee Lahar By Kumar Anupam
₹199.00Author / Kumar Anupam
Neelkanth – नीलकंठ – Hardcover
₹249.00Author / Mahadevi Verma
नीलकंठ एक मोर की कहानी है।
महादेवी वर्मा ने इसे बड़े सरस और आत्मीय ढंग से लिखा है। इस सुंदर गद्य से गुज़रते हुए हम नीलकंठ के बचपन से लेकर उसके वयस्क मयूर बनने तक की यात्रा में साथ हो लेते हैं। हम उससे ऐसा जुड़ाव महसूस करने लगते हैं कि नीलकंठ का गुस्सा, उसकी उदासी और उसका प्यार हमें महसूस होने लगता है।
इस संस्मरण के परिदृश्य में लेखिका का पशु पक्षियों के प्रति अनुराग भी जैसे गूँजता रहता है। नीलकंठ की कथा पढ़ते हुए हम एक सुंदर और मार्मिक प्रेमकथा से भी रूबरू होते हैं।
Neend Ka Baksa – Hindi By Manoj Kumar Jha
₹175.00Author / Manoj Kumar Jha
Oont Ka Boot Evam Anya Kahaniyan – Hindi
₹199.00Author / Pragya Mishra
Our Constitution Our People
₹199.00Author / Harsh Mander
Paavati Kaun Dega – पावती कौन देगा
₹299.00Author / Priy
प्रिय का सधा हुआ चमकदार गद्य उनके व्यंग्य को वह ज़रूरी धार मुहैया कराता है जिसकी अनुपस्थिति में इस तरह के लेखन के सामने दोहराव का जोखिम बना रहता है। उनके लेखन में जीवन से सीधी मुठभेड़ करते आमजन के लिए स्पष्ट प्रतिबद्वता तो नज़र आती ही है, उनके अध्ययन के विस्तृत और दिलचस्प दायरे की झलक भी मिलती है। वे बड़ी आसानी से भाषा और शैलियों के अलग-अलग रास्तों में आवाजाही करना जानते हैं और उनकी चपल और संवेदनशील दृष्टि चीज़ों के आरपार देखने का हौसला रखती है। प्रिय का यह पहला संग्रह समकालीन साहित्य में उनकी मजबूत उपस्थिति को दर्ज करेगा।
प्रिय हिन्दी व्यंग्य की उम्मीद हैं। उनके लेखन में राजनीतिक जुमलों से भरमाने वाली अभिव्यक्ति नहीं बल्कि उससे आगे निकलता सहज परिहास है। बीते अनेक दशकों से व्यंग्य के नाम पर बौद्विक कुण्ठा परोसी जा रही थी। कभी-कभी कुण्ठा के ऐसे ही प्रस्तुतिकरण को राजनीतिक चेतना भी कह दिया जाता रहा है। प्रिय की लिखत में सिर्फ राजनीति नहीं, हमारे आसपास का आम परिवेश है। प्रिय, तुम ‘पारसाई’ से बचते हुए हमाम की हलचल बताते रहो।
Pandit Siyar Ki Ramkahani By Upender Kishor Ray Chowdhury
₹199.00Author / Upender Kishor Ray Chowdhury
Pedru Aur Bada Dhamaka By Nandita da Cunha
₹175.00Author / Nandita da Cunha
कुछ अशुभ रोत्नागाँव की शांति को तहस-नहस कर रहा है… पेद्रु अपने गाँव से बाहर के जीवन को लेकर जिज्ञासु है। हालाँकि उसे अपने पिता के काजू बागान और माँ के बनाए सालन, अपने वफादार दोस्त और फुटबॉल के मैदान से प्यार है, लेकिन एक ‘खोजी’ बनने की तड़प भी रखता है। अलबत्ता, भाग निकलने की उसकी योजना गड़बड़ हो जाती है, तो वह मानने लगता है कि उसने घटनाओं का एक ऐसा सिलसिला शुरू कर दिया है, जो पूरे गाँव को खतरे में डाल देगा।
ये नये रहस्यमय लोग कौन हैं? वे उनके गाँव के नज़दीक की टेकरी में धमाके कर-करके इतना बड़ा गड्ढा क्यों खोद रहे हैं? यह कहानी भावनाओं के उतार-चढ़ाव का सैलाब है, जो आपको एक ताकतवर विरोधी के खिलाफ अपनी प्यारी धरती को बचाने के लिए एक लड़के और उसके गाँव के संघर्ष से रूबरू कराती है।
Percy Jackson
₹399.00Author / Rick Riordan
Prabhavshaali Vyaktitav Ki Tarkeeeben
₹350.00Author / Dale Carnegie
Pragya Mishra’s Magical Tales Combo: Teddy evam Anya Kahaniyan, Oont Ka Boot, Naani Ki Baatein, Khaajana, Aabra Ka Daabra Pack Of 5 – Hindi
• Teddy evam Anya Kahaniyan
• Oont Ka Boot
• Naani Ki Baatein
• Khaajana
• Aabra Ka Daabra
Pride And Prejudice
₹299.00Author / Jane Austen
Professor Ki Diary
₹249.00Author / Dr Laxman Yadav
Rail Locomotive Ka Bhoot – रेल लोकोमोटिव का भूत
₹249.00Author / Sumit Sinha
रेल लोकोमोटिव भूत का क्या भूत होते हैं और अपना प्रतिशोध लेते हैं ?
क्या ऐसे भी भूत होते हैं जो सच्चाई और न्याय के लिए प्रतीक्षा करते हैं और तब मुक्त होते हैं ?
उस रेल लोकोमोटिव कारखाने के खंडहर में वाकई भूत प्रेत रहते थे या यह बातें किसी अपराधकथा पर डाला गया ऐसा परदा था जिसके पार जाने की किसी की हिम्मत न पड़े?
भूत, प्रेत, किसी अज्ञात शक्ति की छाया … ये ऐसी बातें हैं जिससे मनुष्य हमेशा रोमांचित, भयभीत और आकर्षित होते रहे है। विज्ञान इन बातों को नहीं मानता लेकिन जनमानस का एक बड़ा हिस्सा इन बातों पर विश्वास करता आया है। तर्क और आभास, विश्वास और अविश्वास के इसी कठिन संतुलन बिंदु की कथा है- रेल लोकोमोटिव का भूत ।