“Utho, Jago aur Chhoo Lo Aasmaan – Rashmi Bansal ki Kahaniyon Ka Safar Zero Se Hero Tak: Deshbhakti, Dreams aur Real-Life Inspiration Ki Saat Rangin Kahaniyaan (Pack Of 7)” has been added to your cart. View cart
ड़कती धूप-सा पिता । नर्म छाँव-सी माँ। एक सकुचाया-सा लड़का । एक धक-सी गोरी लड़की । और एक अजीब-सी प्रेम कहानी । एक ऐसी कहानी जिसमें प्रेम तो तरतीब से सिमटा हुआ है, लेकिन कहानी बेतरतीब-सी जाने कहाँ से कहाँ तक फैली हुई है !
# पटना साइंस कॉलेज के केमिस्ट्री लैब से लेकर देहरादून इंडियन मिलिट्री एकेडमी के चेटवुड परेड-ग्राउंड तक ।
# बिहार के विधान-सभा चुनाव से लेकर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक तक ।
# शाहरुख़ ख़ान की ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ से लेकर सलमान ख़ान की ‘सुल्तान’ तक। कहानी, जो अपनी तरतीब सी बेतरतीबी में ‘हमने कलेजा रख दिया- चाकू-की-नोक-पर’ से उठती है तो फिर ‘ऐसी-नज़र-से-देखा-उस- ज़ालिम ने चौक पर ही जाकर गिरती है।
Maut Bulati hai By Satya Vyas – Hindi ( मौत बुलाती है )
हुसैनगंज पुलिस को क्रिस्तानी कब्रिस्तान के बाहर एक लाश मिली है और रेलवे पुलिस को मंडावली रेलवे ट्रैक पर दूसरी लाश। क़ातिल आला दर्जे का शातिर है। वह दो अलग-अलग दायरे में काम करनेवाली पुलिस को आपस में उलझा देता है। और समस्या केवल यही नहीं है। यह भी है कि एक लाश के साथ तीन हाथ है। कौन मजलूम है और कौन मुजरिम। कौन मक़तूल है और कौन क़ातिल। अगर आप यह केस इंस्पेक्टर नकुल से पहले सुलझा पाते हैं तो सबसे पहले अपने दिमाग को ही शक के दायरे में खड़ा करें। क्योंकि फिर आप भी क़ातिल की तरह ही सोचते हैं।
लखनऊ जितना नवाबों के लिए जाना जाता है उतना ही शायरों के लिए भी। पर उस दिन के बाद ये शहर टैक्सी ड्राइवर शरद सिंह के लिए भी जाना जाने लगा । क़िस्मत ने ऐसा खेल खेला कि इस एक अकेले के पीछे शायराना शहर के सारे धुरंधर पड़ गये । जैसे चाहने वाले मीर की कब्र ढूढ़ते हैं वैसे मारने वाले शरद सिंह को ढूढ़ रहे थे । किसी ज़माने में इसी लखनऊ की गलियों में अपनी मोहब्बत के हाथों में हाथ डाले शरद नवाबों की तरह घूमता था । और अब हाल ये था कि जान बचाने के लिए मारा-मारा फिर रहा था । दिन जवानी के थे और दौर मुसीबतों का। वो वक़्त कुछ और था जब शरद किसी का जान-ए-जिगर हुआ करता था। अब जो थे वे जानी दुश्मन थे। बीते दिनों पिताजी शरद से लखनऊ छुड़वाना चाहते थे और शरद ने मना कर दिया था। पर हालात ने शरद को ऐसे मोड़ पे खड़ा कर दिया था कि वो हर साँस साँस में कह रहा था- लखनऊ अरे तौबा !
Siddharth Murder Mystery- Part 1
नैनीताल का ख़ूनी सिद्धार्थ मर्डर मिस्ट्री वह लड़का अपने ही गाढे़ जमे ख़ून में ठंडा पड़ चुका है। उसकी स्कूल ड्रेस को बड़े तरतीब से सिरहाने और लेसदार काले जूतों को उसके सीने पर रखा गया है। इतने चालू रास्ते पर दिन-दहाड़े ख़ून हुआ और किसी ने ख़ूनी की छाया तक नहीं देखी! इसका जवाब खोजती हुई कहानी व्यक्ति-मन और सामाजिक मनोविज्ञान की तमाम तहें खोलती चलती है। अँधेरे में दबे पाँव अपनी तरफ़ बढ़ते ख़ूनी को पहचानते हैं? वह कहीं भी हो सकता है; आपके पीछे, घर के भीतर, बस में बगल की सीट पर या फिर आपके भीतर भी! About Author शेंताल वैन मियलो का जन्म और पालन-पोषण नीदरलैंड के बॉक्सटेल में हुआ। इंटरनेशनल बिजनेस की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह जर्मनी चली आयीं और अब अपने परिवार के साथ जर्मनी के दक्षिण में एक छोटे से गाँव में रहती हैं। इस उपन्यास का प्रकाशन मूलतः डच भाषा में स्टोरीटेल पर हुआ। जब 2017 में स्टोरीटेल पर इसका पहला एपिसोड आया तो यह उस सीजन का सबसे ज्यादा सुना जाने वाला उपन्यास था। बाद में इसका प्रकाशन और भाषाओं में हुआ।
Detective Neerja Gandhi- Part 2
नैनीताल का ख़ूनी डिटेक्टिव नीरजा गांधी नीरजा गांधी को एक स्कूली लड़के के ख़ूनी का अनुमान लगाना है। वह मिट चुके पद-चिह्नों, देह-हीन परछाइयों और अपनी त्रासद स्मृतियों को जोड़ती हुई उस तक पहुँच जाती है। और जब पहुँचती है तो पता चलता है वह ख़ुद ख़ूनी बुनी हुई कहानी का किरदार है। ख़ूनी की खोज एक चीज़ है, ख़ूनी के मनोविज्ञान की समझ एक अलहदा और ज़रूरी मसला है। संशय, अनिश्चय, खौफ़ और उत्सुकता की हौलनाक कहानी। शेंताल वैन मियलो का जन्म और पालन-पोषण नीदरलैंड के बॉक्सटेल में हुआ। इंटरनेशनल बिजनेस की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह जर्मनी चली आयीं और अब अपने परिवार के साथ जर्मनी के दक्षिण में एक छोटे से गाँव में रहती हैं। इस उपन्यास का प्रकाशन मूलतः डच भाषा में स्टोरीटेल पर हुआ। जब 2017 में स्टोरीटेल पर इसका पहला एपिसोड आया तो यह उस सीजन का सबसे ज्यादा सुना जाने वाला उपन्यास था। बाद में इसका प्रकाशन और भाषाओं में हुआ।
Additional information
Weight
0.300 kg
Dimensions
20 × 16 × 5 cm
Brand
Yuvaan Books
Customer Reviews
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Hashtag, Maut Bulati Hai, Lucknow Arey Tauba, Siddharth Murder Mystery- Part 1 & Detective Neerja Gandhi- Part 2 by Gautam Rajrishi, Satya Vyas, Alok Mishra & Chantal Van Mierlo – (Set of 5 Hindi)” Cancel reply
Reviews
There are no reviews yet.